Thursday, December 30, 2021

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किसान आन्दोलन, बृहत मधेस आन्दोलन, भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन



मधेस के, नेपाल के किसानों में राजनीतिक चेतना की कमी है। वैसे तो नेपाल में मतदाता और किसान लगभग प्रयायवाची शब्द हैं। लेकिन भारत जहाँ ७० साल से ज्यादा का लोकतंत्र का विरासत है उससे तुलना नहीं किया जा सकता। नेपाल में उस स्तर का चेतना का अपेक्षा नहीं किया जा सकता। 


नेपाल में राज्य (state) किसानों के प्रति उदासीन रहती है। उन्हें लगता ही नहीं कि वो वहाँ पर किसानों के लिए काम करने के लिए ही बैठे हुवे हैं।    

तो उस कठिन परिस्थिति में जनमत पार्टी ने जो आन्दोलन छेड़ा है और कुछ ही दिनों में जिस तरह एक जिल्ला सिरहा से प्रत्येक जिले तक पहुँच गयी है, मेरे को लगता है ये आन्दोलन कुछ उपलब्धि हासिल कर के रहेगी। 

बृहत मधेस आन्दोलन चुँकि संविधान संसोधन का मुद्दा ज्युँ का त्युं पड़ा हुवा है। और काठमाण्डु में एक अन्ना टाइप भ्रष्टाचार पकड़ के आन्दोलन हो जाता तो अच्छा रहता। तब तो देश अंतरिम सरकार की ओर जाती।   

विवेकशील वालों को चाहिए काठमाण्डु में आन्दोलन छेड़े। अच्छा मौका है। 





संयम के साथ आन्दोलन

सन २००५ में मार्शल लॉ की अवस्था थी। मानव अधिकार ससपेंड था। सभी प्रमुख नेता देश छोड़ निकले थे। उस समय मेरी दिल्ली में रहे राम वरण यादव जी से बात हुइ थी। अभी वो अवस्था नहीं है।  देश में तीन तह पर निर्वाचित नेता लोग हैं। खुल्लम खुल्ला राजनीतिक क्रियाकलाप करने का माहौल है। उस अवस्था में सरकार गिराने लेवल का आन्दोलन करना शायद संभव नहीं। कोरोना का तीसरा लहर आने को है। वो पक्कापक्की बात है। तो आन्दोलन को दो हप्ते या २० दिन के अन्दर सेफ लैंडिंग करा लेना मुनासिब दिख पड़ता है। 

किसान आन्दोलन के माँगो को लेकर मंत्रीमंडल स्तर पर वार्ता हो के समाधान निकाला जाए। आन्दोलन संगठन विस्तार का अच्छा मौका होता है। पार्टी के आम सदस्य और कार्यकर्ता का प्रशिक्षण। नए नए जिलों तक संगठन को ले जाना। ये तो किसान आन्दोलन है। किसान तो पहाड़ में भी रहते हैं। 

लेकिन आन्दोलन के राजनीति में २० दिन बहुत लम्बा समय होता है। २० दिन में क्या होगा अभी नहीं कहा जा सकता। ये आन्दोलन मधेस से उठ के काठमाण्डु के सडको तक अगर पहुँचती है तो बात कुछ और होगी। आन्दोलन को मधेस में ही सीमित रख के सरकार नहीं गिराया जा सकता है शायद। काठमाण्डु को जगाने का मुद्दा किसान या मधेस नहीं, भ्रष्टाचार का मुद्दा है। 

बहुत कठिन काम है जो कि जनमत पार्टी कर रही है। मेरा सराहना है।