गुलामों को चोरी चोरी मुक्त कराता था
उसको बधाई दिया लोगों ने
तो उसने कहा मैं हजारों औरो को मुक्त करा देता
यदि उन्हें पता होता वो गुलाम हैं
गुलामी गयी नहीं
राजा गया ढेर सारे नवराजा उनके जगह पर आ गए
कहते हैं जनता मुर्ख है
मुर्खो पर शासन नहीं करेंगे तो क्या करेंगे
तानाशाही लाद दिया
राणा शासन गया नहीं
राजा शासन गया नहीं
गुलामी बरक़रार है
जनता का पैसा चुरा के
जनता पर ही राज करते हैं
चुनाव तो पुतिन भी कराता है
लेकिन दुनिया का एक नम्बर का तानाशाह है
देउबा पुतिन नहीं तो और क्या है?
देश कभी राजा को सौंप देता है कभी राणा को
जनता बोल नहीं सकती
जनता विरोध नहीं कर सकती
जनता प्रश्न नहीं कर सकती
देश का प्रधान न्यायधीश वादी प्रतिवादी
दोनों से घुस लेता हो उस देश में न्याय का क्या हो?
भ्रष्टाचार नियंत्रण के जिम्मेवारी वाला सरकारी निकाय के प्रमुख के
घर पर सोने का टोइलेट हो, उस देश का क्या हो?
तीन साल में समाप्त हो जानेवाली मेलम्ची
३० साल लगाते हैं और काठमाण्डु में
सैकड़ों बंगले खड़े किए जाते हैं
उस देश का क्या हो?
कदम कदम पर भ्रष्टाचार
गरीबी का कारण तो वो चोरी है
जनता को गुलामी का एहसास कराओ
जो जनता अपना पैसा का हिसाबकिताब न माँग सके
वो जनता अभी भी गुलाम है