Saturday, January 22, 2022

गमछा, पगड़ी और लाठी

मेरा एक दोस्त है डोल्पा का। काठमाण्डु हाई स्कुल में एक ही क्लास में थे। वो अमेरिका जिस कॉलेज में गया उसके दो साल बाद मैं भी पहुँचा। उसने एक कहानी सुनायी। कि नया नया आया था, मेरे को कहा गया अपने देश का पोशाक पहन के आ जाओ, एक समारोह है। तो ये गया। सबके सब डर गए। दौरा सुरुवाल ढाका टोपी पहने हुवा था। क्यों डर गए? कम्मर में था एक खुकुरी। 

किसी मधेसी के कंधे पर गमछा होना, माथे पर पगड़ी होना, और हाथ में लाठी होना एक ही बात है। मेला ठेला जाते हैं तो लोग हाथ में लाठी ले के निकलते हैं। अपने लाठी को तेल पिलाते हैं। कहा जाता है अमेरिका में लोग कुत्ता बिलाइ को बहुत प्यार करते हैं। करते हैं सही बात है। लेकिन एक मधेसी अपने लाठी से जितना प्यार करता है उससे ज्यादा नहीं। 

नेपाल के इतिहास में अभी तक का सबसे शांतिपुर्ण राजनीतिक पार्टी से हिंसा अहिंसा का प्रश्न ही मत करो। ये पार्टी नेपाल सेना अपने कमांड में लेगी। ये पार्टी नेपाल प्रहरी को अपने कमांड में लेगी। अपना राजधर्म निभाएगी। शक्ति को न्याय के पक्ष में खड़े करने के लिए ही तो जनमत पार्टी क्रान्ति कर रही है। लेकिन ये रास्ता संसदीय लोकतंत्र का रास्ता है। चुनावी संघर्ष का रास्ता है। 

जिस तरह निर्दल से बहुदल तक देश ने छलांग मारी, जिस तरह राजतन्त्र से लोकतंत्र तक देश ने छलांग मारी, जिस कदर एकात्मकता से संघीयता तक देश ने छलांग मारी, अब जनमत पार्टी के नेतृत्व में देश नेताराज से जनताराज की ओर छलांग मार रही है। 

जसपा को लाठी समझ में नहीं आ रही है क्यों कि मधेस में उस पार्टी का अब कुछ भी बाँकी रह ही नहीं गया है। 



हम गौर तो लेंगे ही, गोरखा भी लेंगे

जसपा के इस वक्तव्य को देखिए। क्या कह रहे हैं ये लोग? 

जसपा को मधेस से अब पुर्ण रूप से विस्थापित करो। कहीं एक सीट भी जितने न पाए। 

ये प्रकाश अधिकारी कौन? भोट मधेस में लो और पार्टी में उपर से निचे ठुंस दो ऐसे ऐसे अधिकारी को? 

संसदीय लोकतंत्र, चुनावी प्रतिस्प्रधा के रास्ते चल रही है एक पार्टी सड़क पर उस अवस्था में आन्दोलन कर रही है जहाँ विधि का शासन नहीं दिख रहा है। एक मंत्री ने खुले मंच से किसी को जान मारने धमकी दी और वो मंत्री पद पर अभी तक बरक़रार है। 

हमें नेपाल एकीकरण करना है। हमें गोरखा कब्ज़ा करना है।