Monday, January 17, 2022

YouTube: January 17

सड़क क्रान्ति, सभा क्रान्ति, सदन क्रान्ति

सड़क क्रान्ति कठिन होता है। लेकिन सिर्फ और सिर्फ अगर सड़क क्रान्ति हो तो वो तो भीड़ हो गया। सड़क क्रान्ति के साथ साथ  सभा क्रान्ति की भी जरूरत है। छोटा सभा, बड़ा सभा, विशाल सभा। १० लोग एक जगह बैठ के विचार विमर्श किए। क्रान्ति का कमाण्ड कर रहे लोगों को तो नियमित बैठना है ही। प्रत्येक तह पर बैठना है। स्थानीय तह पर। टोल मोहल्ला में, बस्ती बस्ती में। विचार विमर्श करते जाना है। विशाल सभा जैसे कि अभी अभी सिरहा में हुवा वहाँ दुनिया को ब्रोडकास्ट करना है कि आखिर हो क्या रहा है, हो क्युँ रहा है। और अन्ततः सदन क्रान्ति। क्रान्ति क्रान्ति करती है। क्रान्ति सत्ता अपने हात में लेती है। और क्रान्ति अपना माँग खुद पुरा करती है। वो हुवा सदन क्रान्ति।