मधेस के, नेपाल के किसानों में राजनीतिक चेतना की कमी है। वैसे तो नेपाल में मतदाता और किसान लगभग प्रयायवाची शब्द हैं। लेकिन भारत जहाँ ७० साल से ज्यादा का लोकतंत्र का विरासत है उससे तुलना नहीं किया जा सकता। नेपाल में उस स्तर का चेतना का अपेक्षा नहीं किया जा सकता।
नेपाल में राज्य (state) किसानों के प्रति उदासीन रहती है। उन्हें लगता ही नहीं कि वो वहाँ पर किसानों के लिए काम करने के लिए ही बैठे हुवे हैं।
तो उस कठिन परिस्थिति में जनमत पार्टी ने जो आन्दोलन छेड़ा है और कुछ ही दिनों में जिस तरह एक जिल्ला सिरहा से प्रत्येक जिले तक पहुँच गयी है, मेरे को लगता है ये आन्दोलन कुछ उपलब्धि हासिल कर के रहेगी।
बृहत मधेस आन्दोलन चुँकि संविधान संसोधन का मुद्दा ज्युँ का त्युं पड़ा हुवा है। और काठमाण्डु में एक अन्ना टाइप भ्रष्टाचार पकड़ के आन्दोलन हो जाता तो अच्छा रहता। तब तो देश अंतरिम सरकार की ओर जाती।
विवेकशील वालों को चाहिए काठमाण्डु में आन्दोलन छेड़े। अच्छा मौका है।