Tuesday, November 02, 2021

News: November 2



भुटानको ज्यादतीको पोल एक दिन खुल्नेछ 'अमेरिकामै स्टेट काउन्सिलर हुँदै अमेरिकी कंग्रेसमा समेत यिनै भुटानी आप्रवासी जान सक्ने सम्भावना देखिएको छ । भुटानमा ल्होत्साम्पामाथि भएको अत्याचार र यसबारेको स्वीकारोक्तिमा कुनै दिन भुटान उभिनेछ भन्ने मलाई लाग्छ ।' ......... त्यहीबेला भुटानले व्यापक रूपमा

दक्षिणी भुटानका नेपालीभाषी ल्होत्साम्पामाथि गरिरहेको दमन र ज्यादतीबारे म केही मात्रामा अवगत भए पनि

औपचारिक तवरमा यसबारे खासै छलफल भएन । भुटान भ्रमणका बेलामा केही ल्होत्साम्पा शिक्षकहरूसँग पनि भेटघाट र वार्तालाप भएको थियो । ............. त्यसको मुख्य कारण थियो– भुटानी सरकारले त्यहाँ धेरै पुस्तासम्म बसोबास गरेका ल्होत्साम्पाहरूलाई आफ्नो नागरिकताबाट वञ्चित गराउनु । ......... स्थिति कतिसम्म थाहा पाएको थिएँ भने दक्षिणी भुटानमा रहेका ल्होत्साम्पाका बालबच्चाले त्यहाँबाट बाहिर निस्केर पढ्नका लागि ‘सर्टिफिकेट’ पनि पाउन सकिरहेका थिएनन् । ........ सत्य के हो भने भुटानले सन् १९८० र ९० को दशकमा एउटा भयावह जातीय सफाया गरेको थियो, जुन इतिहासकै सबैभन्दा ठूलोमध्येको एक हो । ........ जनसंख्याको ठूलो हिस्सा (६ भागमा एक भाग) लाई देश निकाला गरिएको थियो ।

भुटान सरकारका उच्च अधिकारी, उच्चपदस्थ र राजनीतिज्ञहरू यति ‘सोफिस्टिकेटेड’ छन् कि यो सबै इतिहास र घटनालाई ढाकछोप गरिरहन सक्षम छन्, पारंगत छन् ।

............ अन्तर्राष्ट्रिय सभा–सम्मेलन, मञ्चहरूमा भुटानका प्रतिनिधिले राख्ने धारणा र अडानमा अचम्मको ‘भरोसा’ र आत्मविश्वास झल्केको हुन्छ । उनीहरू जे बोल्छन्, मीठो भाषामा बाहिरी विश्वले पत्याउने गरी बोल्छन् । नेपालको प्रस्तुति भने कामचलाउ मात्रै हुन्छ । ............ भुटानी शरणार्थी समस्या समाधानका वार्ताहरूमा पनि त्यही भएको हो । कहिले भुटानी नागरिकको वर्गीकरण, कहिले यो र त्यो भनेर उनीहरूले नेपालीलाई रनभुल्ल पारेकै हुन् । रनभुल्ल पार्ने तहको भुटानीको ‘नेगोसिएसन स्किल’ लाई मान्नैपर्छ । ............ हामी कुरै मात्रै गरिरहेका छौं, उनीहरू कामले देखाइरहेका छन् । वातावरणीय सचेतना, शिक्षा, स्वास्थ्यका पक्षमा भुटानमा निकै प्रगति भएको छ । ......... ह्युमन राइट्स वाच, एम्नेस्टी इन्टरनेसनल जस्ता संस्थाले भुटानबाट लखेटिएका १ लाखभन्दा बढी भुटानी नागरिकबारे प्रश्न उठाइरहेकै छन् । ........ अस्ट्रेलियामा रहेको एउटा रिफ्युजी काउन्सिलले त यो जीएनएचलाई भुटानका हकमा ‘ग्रस नेसनल हिपोक्रेसी’ भनेर उल्लेख गरेको छ । ........ यसको कारण स्पष्ट छ– नेपालले यो घटनालाई दह्रो रूपमा कहीं पनि उठाएकै छैन, अथवा उठाउन चाहेकै छैन । भारतले पनि यो घटनालाई ढाकछोप गर्नै चाहेको छ, चीनले पनि कहिल्यै बोलेको छैन । ........ भुटानका छिमेकीहरूले नै यत्रो जातीय सफायाको मुद्दालाई सम्बोधन गर्न चाहेकै छैनन् ।

राष्ट्रसंघीय मञ्चमा उभिएर नेपालले भुटानका बारेमा बोल्नुपर्दा एक–दुई वाक्यमा भन्न खोजेको के हो, त्यो बुझाउन नचाहेरै अस्पष्ट र अमूर्त बोलिरहेको हुन्छ ।

.......... अर्कातिर, ‘हामी नेपालसँग वार्ता गर्दैछौं, भुटानी नागरिक प्रमाणित भएमा फिर्ता गर्छौं भनेकै छौं नि’ भनेर भुटानी अधिकारीले अन्तर्राष्ट्रिय मञ्चमै उभिएर मीठो बोलीमा अल्मल्याउने काम गरिरहे, हामी अलमलमा परिरह्यौं । ........ कस्तो संयोग छ भने अहिलेको रोहिंग्या संकट उब्जँदा बर्मा सरकारले पनि त्यही कुरा भनेको थियो– हाम्रा नागरिक प्रमाणित भएमा घर फिर्ता गर्नेछौं भनेर । हो, यो ‘चाल’ बर्माले भुटानबाट सिकेको थियो । ...... जसरी एउटै भुटानी नागरिक घर फर्कन सकेनन्, त्यसैगरी रोहिंग्या पनि बर्मा जान सकेका छैनन् । तर, यत्ति हो कि आज १ लाख २० हजार भुटानी नागरिक विश्वका विभिन्न देशमा पुगिसकेका छन् । ..... अमेरिकामै स्टेट काउन्सिलर हुँदै अमेरिकी कंग्रेसमा समेत यिनै भुटानी आप्रवासी जान सक्ने सम्भावना देखिएको छ ।


फ्रेंच क्रांति के स्तर का एक क्रांति करना होगा

२०% आर्थिक वृद्धि दर बिहार में एक दो साल हुवा था। भुटान में एक साल तो ५०% हो गया था सिर्फ एक हाइड्रो प्रोजेक्ट के आधार पर। कहा जाता है आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के सही और व्यापक प्रयोग से अमेरिका जैसे अर्थतंत्र भी २०%, ३०%, ५०% देख सकते हैं। लेकिन लगातार २० साल तक २०% आर्थिक वृद्धि दर नेपाल में जनमत पार्टी को करना है वो दुनिया के इतिहास में अभी तक किसी भी देश में नहीं हुवा है। एक मिशाल बन जाएगा। उदाहरण बन के सारे दुनिया से गरीबी समाप्त कर देनी है। सबसे ज्यादा गरीबी तो भारत में है। सारे दुनिया से गरीबी समाप्त करने का मतलब तीन चौथाई काम तो भारत में है। 

लगातार २० साल तक २०% आर्थिक वृद्धि दर देने में सबसे कठिन पार्ट है राजनीतिक काम जो कि जनमत पार्टी कर रही है। फ्रेंच क्रांति के स्तर का एक क्रांति करना होगा। मारधार खुनखराबा वाला नहीं। ढिशुम ढिशुम नहीं। लेकिन फ्रेंच क्रांति ने एक रूलिंग क्लास को पुर्ण रूप से विस्थापित कर दिया। कुछ वैसा। बिलकुल संभव है। काम शुरू हो गया है। 

एक साधारण चुनावी अभियान के बल पर जनमत पार्टी अगर ३५% सीट जित के देशकी सबसे बड़ी पार्टी बन के काठमाण्डु पहुँचती भी है तो सरकार तो बना लेगी लेकिन देश और समाज का आमुल परिवर्तन नहीं कर सकेगी। एक चुनाव के बाद १५ या ३५% सीट जित के काठमाण्डु पहुँचने के बाद तो मौका ही गुम हो जाएगा। सत्ता में रहिए या प्रतिपक्ष में अकेले नहीं रह सकिएगा। और उसके बाद वाले चुनाव में आप और पार्टी से अलग हैं ये कहने के स्थिति में नहीं रहिएगा। 

जनमत पार्टी  को चाहिए ६५% से उपर सीट। और सत्ता में पहुँचने के बाद उच्चतम आतंरिक लोकतंत्र और चरम पार्टी अनुशासन जो कि अभी प्रदर्शन कर रही है। 

पहले १०० दिन में पाँच साल के लिए फ्रेमवर्क बना लेना होगा। संविधान पुनर्लेखन के रास्ते सच्चा संघीयता और समावेशिता। राज्य का पुनर्संरचना। नेपाल के नौकरशाही में दो तिहाई तो डेड वुड (dead wood) है। नागरिक सरकारी ऑफिस कयों जाए? सरकारी ऑफिस को ही नागरिक के घर पहुंचना होगा डिजिटल सेवा के रूप में। नेपाल के भुमि पर रहे प्रत्येक व्यक्ति को बायोमेट्रिक आधार पर डिजिटल पहिचानपत्र और उसके आधार पर बैंक खाता। पहले १० महिना में किसी तह के सरकार द्वारा खर्चा नहोनेवाला समस्त पैसा सीधा कॅश ट्रांसफर। 

राजनीतिक भागबण्डा पर पद पर पहुँचे सभी न्यायधीश का घर वापसी। 

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन आग इसलिए नहीं पकड़ रही है कि भ्रष्टाचार समाप्ति का ठोस कार्यक्रम सामने आया नहीं है। एक हाकिम साहेब टॉपलेस नगर परिक्रमा कर लेंगे उससे भ्रष्टाचार समापत हो जाएगा ये बात जनता पतिया नहीं रही है। सरकारी तलब लेने वाले या सरकारी ठेकापट्टा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपना और अपने परिवार का संपत्ति विवरण प्रत्येक साल दर्ता कराना होगा, अख्तियार को पुर्ण रूप से नया रूप देना होगा। एक नया अख्तियार पैदा करना होगा। दाँत वाला। उसको सबल और स्वायत्त बनाना होगा। 

जबसे सी जिनपिंग सत्ता में आया १०% वाला आर्थिक वृद्धि दर चीन के लिए सपना हो गया। बन्दे को आर्थिक वृद्धि का अतापता नहीं है। स्वाभाविक बात है। जिस मिडल इनकम ट्रैप में चीन जा के फँस गयी है वो सिंगापोर ने कभी देखा नहीं। क्यों कि सिंगापोर ने सदा माना जॉब क्रिएशन तो निजी क्षेत्र का काम है। सरकार का काम है शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस।