Thursday, June 10, 2021

जनमत पार्टी का देश स्वीप करने का फोर्मुला

एक टी एन सेशन जैसा अख्तियार दुरुपयोग निवारण आयोग प्रमुख ढूँढना होगा। अमेरिका में, और भी बहुत देशो में केंद्रीय बैंक स्वायत्त (autonomous) होती है। कार्यकारी प्रमुख (प्रधान मंत्री) केंद्रीय बैंक गवर्नर के बॉस नहीं होते। हालांकि नियुक्त प्रधान मंत्री ही करते हैं। नाम सिफारिस करते हैं संसद को। और संसद आवश्यक छलफल (hearing) के बाद नियुक्त करती है। छ साल के लिए। यानि कि आप प्रधान मंत्री बने इसका मतलब ये नहीं कि मंत्री कि तरह नया केंद्र बैंक गवर्नर भी मिले आपको। वैसा ही स्वायत्त निर्वाचन आयोग चाहिए। और उस निर्वाचन आयोग को ही पार्टी के भितर का भी प्रत्येक निर्वाचन गोप्य मतदान के आधार पर कराना होगा। किसी भी पार्टी का संसदीय दलका नेता कौन बने उसके लिए गोप्य मतदान हो। पार्टी सदस्यता कौन ले सकता है? कोइ भी ले सकता है। उस प्रत्येक पार्टी सदस्य को पार्टी अध्यक्ष कौन बने उस देशव्यापी निर्वाचन में मत देने का हक़ होना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष भी और केंद्रीय समिति सदस्य भी। किसी भी पद के लिए पार्टी का उम्मेदवार कौन हो उस निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक पार्टी सदस्य मतदान से निर्णय करे। 

पार्टी चलाने के लिए पैसा चाहिए। चीन में भी, भारत में भी, अमेरिका बेलायत में, नेपाल में भी। जिस पार्टी को जितना मत मिले उसके अनुपात में सरकार से ही पैसा मिले। प्रत्येक निर्वाचित व्यक्ति को तलब मिले। सांसदों का संख्या कम हो। कर्मचारी का संख्या भी। संघीय सरकार का मतलब छोटा साइज का सरकार। 

अख्तियार दुरुपयोग निवारण आयोग और निर्वाचन आयोग केंद्र में, प्रत्येक प्रदेश में। और कानुन चाहिए। सरकारी तलब पर रहे प्रत्येक व्यक्ति को अपना और अपने परिवार का संपत्ति विवरण प्रत्येक साल दर्ज कराना होगा। कुछ वैसा कानुन। चुनाव लड्ने से पहले प्रत्येक उम्मेदवार को भी। वो कानुन बना दिजिए एक पुरी पीढ़ि खुदबखुद रिटायर हो जाएगी। 

किसी भ्रष्टाचारी पर छानबीन करना और कानुन अनुसार कारवाही करने के लिए सिफारिस करने का काम अख्तियार का। सजा देने का काम अदालत का। 

न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार है। न्यायपालिका में भी अन्याय है। वहाँ भी सरसफाइ चाहिए। 

सरकारी ठेक्कापट्टा देने का प्रक्रिया सही करने के लिए उचित कानुन चाहिए। पुर्ण पारदर्शी हो। ठेकेदार का अगर पदासीन नेता के साथ कोइ सम्बन्ध हो तो उसे खुलाना अनिवार्य होना चाहिए। सरकारी ठेक्कापट्टा लेनेवाले प्रत्येक व्यक्ति और कंपनी को भी अपनी संपत्ति का विवरण दर्ज कराना होगा। 

सरकारी सेवा के लिए भर्ना और पदोन्नति का प्रक्रिया भी कानुन निर्धारित होना चाहिए। ५१% खुला प्रतिस्प्रधा और पुर्ण रूपसे मेरिटोक्रेटिक (meritocratic) और ४९% आरक्षण। आरक्षण अनुसार आने के लिए भी योग्य ही होना पड़ता है। देश में २५० साल से आरक्षण चल रहा है। सत्ताधारी समुह का आरक्षण। उसको तोड़ कर खुला प्रतिस्प्रधा और मेरिटोक्रेसी लाना होगा। 

डाउनसाइजिंग बहुत जरूरी है। उसके बगैर शांति प्रक्रिया अधुरी है। गृह युद्ध के पहले नेपाल सेना ३०,००० थे, सशस्त्र प्रहरी तो थी ही नहीं। नेपाल सेना को फिर से ३०,००० पर पहुँचाना होगा। सशस्त्र को डिसॉल्व (dissolve) करना होगा। उसका मतलब लोगों का रोजीरोटी समाप्त करना नहीं होता। उनके लिए निजी क्षेत्र में मार्गप्रशस्त करना होता है। 

सेना को एक लाख से ३०,००० करिए, एक लाख सशस्त्र को निशस्त्र करिए और नेपाल भारत बोर्डर को भयमुक्त करिए। और एक लाख शिक्षक और स्वास्थ्यकर्मी भरना करिए। 

एक बैंक्रप्सी लॉ (bankruptcy law) चाहिए। आप कोइ घराना हैं जिसे सरकार को एक अरब का बिजली बिल या टैक्स देना है या लोन लिए हैं लौटा नहीं रहे हैं। तो सरकार जाएगी अदालत और अदालत निर्णय करेगी उस बिजनेस को बेच के जो पैसा निकलता है वो सरकार को दो। 

जनमत पार्टी का देश स्वीप करने का फोर्मुला ये है। झाडुबढारु को खाँचो छ। 



ईश्वर पोखरेल पार्टी अध्यक्ष बन्ने कुरा

कता हो न्युज मा आएको। केपी ओली को मंत्रीमंडल बाट हटाएर तपाईं चार महिना भित्र पार्टी महाधिवेशन गर्नुस भन्ने जिम्मा दिएको केही दिन पछि ईश्वर पोखरेल ले फ़्लैश गरे। म पार्टी अध्यक्ष को दावेदार। त्यो ओली विरुद्ध बगावत गरेको होइन होला। ओली को मिलोमतो मा नै होला। भने पछि बाजी मारे ओली ले। ३० वर्षे दुई दलीय भ्रष्टाचारतंत्र कालरात्रि का ज्येष्ठ नागरिक नेता हरु मध्ये आफ्नो स्वेच्छा ले अर्को पुस्ता लाई पद हस्तांतरण गर्ने पहिलो व्यक्ति। देउबा, प्रचंड, माधव, झलनाथ लाई ओली को यो अंतिम झापड़ हुन सक्छ।


देउबा लाई पार्टी भित्र चैलेंज गर्ने ५६ व्यंजन ज्येष्ठ नागरिक हरु। देउबा लाई कुनै किसिमको इंसेंटिव नै छैन पद छाड्ने। मैले छाड़े आउने भनेको उ त्यो बुढ़ा। प्रचंड त माओ ले जस्तै रयाल काढ़दै बस्ने निधो गरेका। मार्गप्रशस्त गर्नु वर्षमान पुन लाई। छैन।

ईश्वर पोखरेल को मलाई नाम र अनुहार बाहेक केही थाहा छैन। हुन त उ पनि झट्ट हेर्दा ज्येष्ठ नागरिक जस्तै देखिन्छ। तर ओली भन्दा एक पुस्ता कान्छो त हो। गगन थापा युवा नेता कहलिने देशमा ईश्वर पोखरेल मा पनि नयापन देखिन सक्छ। 

संसद पुनर्स्थापना हुन्छ। त्यस पछि के हुन्छ मलाई थाहा छैन। प्रतिनिधि सभा को अंकगणित अहिले कहाँ छ मलाई अत्तोपत्तो भएन। जसपा मुझे चकमा दे गया। जसपा बल्ल निर्णायक शक्ति बनेको छ। केंद्र मा एउटा सँग। प्रदेशमा अर्को सँग। सारा देश नै कब्ज़ा। 

ईश्वर पोखरेल लाई अघि सारेको केपी ओली ले आफु अब चुनाव लड़दिन, सांसद प्रधान मंत्री बंदिन भनेको हो। भने पछि शायद हिटलर त होइन कि? (केपी ओली हिटलर हुन? केपी ओली हिटलर होइनन?) केही दिन अगाडि मात्र आजीवन रिटायर नहुने घोषणा गरेका बाबुराम भट्टराई ले भने हिटलर का विरुद्ध किन एक जुट नभएको जसपा भन्दै उपेंद्र को कांध माथि बन्दुक राखेर पार्टी एकता माथि फायर दागेको दागयै। 


जसपा लाई पहाड़ पसाउने योजना नै होइन बाबुरामको। मैले लेखेको संविधान बारे नानाथरि प्रश्न गर्ने? भन्दै मधेसमा जसपा सखाप पार्न पार्टी प्रवेश गरेका हुन।