देश में लोकतंत्र तो है नहीं। जो है उसे पार्टीतंत्र कहा जा सकता है। १०,००० लोगों का एक झुण्ड है, बिभिन्न पार्टी जे जुड़े हैं, और लाइफस्टाइल जी रहे हैं। देश का दोहन कर रहे हैं। कदम कदम पर भ्रष्टाचार। राज्य द्वारा नागरिक का शोषण।
कम्पुटर इंडस्ट्री में कहा जाता है मेनफ़्रेम कम्प्युटर का जमाना था। बड़े बड़े कम्प्युटर। उसके लिए अलग से कमरा बनाते थे। सिर्फ कम्प्युटर का अपना अलग कमरा। अभी तो पर्सनल कम्प्युटर होते होते मोबाइल फोन तक आ गया है। पर्सनल कम्प्युटर के आविष्कारक स्टीव जॉब्स। उनके प्रथम प्रमुख इंजीनियर स्टीव वोजनियाक। वोजनियाक ने जो अपने गराज में बैठ के छोटा कम्प्युटर बनाया उसका मेमोरी बहुत छोटा। इतना छोटा कि उसके लिए कोइ सॉफ्टवेयर प्रोग्राम उपलब्ध ही नहीं था। तो बन्दे ने खुद लिखने का निर्णय किया। बगैर सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के तो कम्प्युटर कहलाएगा नहीं। तो उसने लिखा। लेकिन जो लिखा वो फिट नहीं हुवा। ज्यादा लम्बा हो गया। तो उसको एडिटिंग करते करते उसने अंततः फिट किया। साधन स्रोत कम। उसने बाद में कहा अगर मेमोरी चीप बड़ा होता तो मैं उतना दुरुस्त छोटा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम लिख न पाता। यानि कि साधन स्रोत की कमी अच्छी बात हुवी। नए नए ढंग से सोचने पर मजबुर करती है।
कांग्रेस कम्युनिस्ट यहाँ तक कि जसपा भी मेनफ़्रेम कम्प्युटर की तरह हैं। जनता राज लाने का मतलब पर्सनल कम्प्युटर बना के घर घर शक्ति पहुँचाने का प्रयास। अभी शक्ति होता है पार्टी अध्यक्ष के पास। जनमत पार्टी के पास साधन स्रोत की कमी है वो अच्छी बात है। चुनाव कम पैसा खर्च कर के जित के दिखाना होगा। आम मतदाता को ये अहसास दिलाना होगा कि शक्ति तो तुम्हारे पास है।
सीके एक कहानी सुनाते हैं साधु का। साधु ने नेता को कहा तुम्हें एक गधा दो हजार में नहीं मिला और तुम मुझे दो हजार में खरीदने निकल पड़े? उस कहानी का एक मिनट अंदर का वीडियो बनाइए और संगठन के मार्फ़त प्रत्येक मतदाता तक पहुंचाइए। जितने मतदाता तक वो कहानी पहुँचेगी समझिए पार्टी के झोले में दो हजार आ गया।
ओली को चुरे संहार को प्रस्ताव नरसंहार स्तर को हो
Democracy's Chance To Rejuvenate In Nepal
दो दलीय भ्रष्टाचारतंत्र को महामारी को समय मा प्रहसन
नागरिकता मानव अधिकार है, समाधान डिजिटल है
नागरिकता के सवाल पर शरणार्थी और सुकुमवासी क्या बोले?
Masking, Social Distancing, Handwashing