The only full timer out of the 200,000 Nepalis in the US to work for Nepal's democracy and social justice movements in 2005-06.
Friday, January 01, 2016
केजरीवाल, मोदी और दिल्ली
केजरीवाल जब पहली बार दिल्ली का मुख्य मंत्री बने उससे पहले मेरे राडार पर वो नहीं थे। लेकिन जब वो आए, I have to admit, it was a breath of fresh air. ये जो दुसरी बार जिते हैं, तो क्लियर मैंडेट है। स्मार्ट हैं, मेहनती हैं, साधारण पृष्ठभूमि के हैं, एक क्लीन इमेज है। दिल्ली के लिए एजेंडा भी अच्छा है।
लेकिन वो बार बार शिकायत करते आए हैं कि मैंने चुनाव जिता लेकिन मोदी काम नहीं करने दे रहे हैं। तो I have taken that with a grain of salt. मोदी के rear view mirror में केजरीवाल दिखते होंगे ऐसा नहीं लगता। एक बात होता है कि बड़ा आदमी से लफड़ा लो और अपना कद बढ़ाओ। Which is cheap.
तथ्य आखिर है क्या? मोदी तंग कर रहे हैं। ये बात मेरे को मानने को मन नहीं कर रहा था। या तो मोदी का मेरा जो इमेज है गलत है या वो केजरी को तंग नहीं कर रहे। तो बात क्या है आखिर?
तो आज मेरे को जवाब मिल गया। नया साल मुबारक। मोदी को भी केजरी को भी।
मेरे समझ में यहाँ क्या हो रहा है कि मोदी केजरी को तंग नहीं कर रहे। हो ये रहा है कि केजरी ये नहीं समझ रहे कि दिल्ली के पास statehood नहीं है। दिल्ली तो केंद्र शासित क्षेत्र है। तो केंद्र सरकार का मैंडेट तो मोदी को मिला हुवा है। पटना में नीतिश जो हैं या लखनऊ में अखिलेश दिल्ली में केजरी वो नहीं हैं।
दिल्ली को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए कि नहीं? मिलना चाहिए तो रोडमैप क्या है? वो तो बाद की बात है। या तो केजरी को एक रोडमैप प्रस्तुत करना होगा। कि मैं मानता हुँ दिल्ली को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और उसका नेतृत्व मैं करूँगा। तो वो एक रास्ता हुवा। दिल्ली के राज्य के दर्जा के बारे में मेरे को मालुम नहीं। मैंने अध्ययन नहीं किया है। तो मैं मुद्दे पर न्यूट्रल भी हुँ और अगर केजरी ये बीड़ा उठाना चाहें तो रोडमैप क्या हो सकता है उस पर मैं आर्यभट का शुन्य हुँ। I don't know.
लेकिन अभी तक जो हल्ला करते आए हैं केजरी ये मोदी के प्रति unfair है और केजरी को अपरिपक्व दिखाता है। मोदी का केजरी के साथ न कोई पर्सनालिटी क्लैश है न कोई प्रतिस्प्रधा है। And it would be out of character for Modi to harass Kejri. मेरे समझ में हो क्या रहा है कि केजरी ये नहीं समझ रहे हैं कि दिल्ली केजरी शासित क्षेत्र नहीं है, संविधान जैसा बतला रहा है। दिल्ली केंद्र शासित क्षेत्र है। तो अपना jurisdiction समझने का प्रयास करें। मोदी ट्विटर पर जा के रोना धोना करें कि देखो इतना बड़ा मैंडेट ले के आया मैं लेकिन सी जिनपिंग मेरे को चिनिया सेना का बागडोर सम्हालने नहीं दे रहा है तो कैसा लगेगा? अरे यार चीन आप का jurisdiction नहीं।
कुछ होता है ग्रे जोन। ये केजरी के क्षेत्राधिकार में है कि केंद्र के स्पष्ट नहीं होता। तो वहाँ दोनों प्रतिस्प्रधा करेंगे कि मेरा है मेरा है, वो तो स्वाभाविक है।
केजरी को एक प्रॉपर चीफ मिनिस्टर बनना है तो जाओ पंजाब जाओ। सुनते हैं वहां भी आप का अच्छा है। या दिल्ली को राज्य का दर्जा दिलाने का रोडमैप लाओ और जनता के पास जाओ। बीजेपी ने तो स्पष्ट कह ही दिया नहीं। कि हम नहीं चाहते दिल्ली अलग राज्य हो।
सबसे प्रमुख बात है मोदी पर बार बार जो घटिया और बहुत ही पर्सनल किस्म के अटैक जो हो रहे हैं उससे भारत के छवि पर असर पर रहा है। मैंने हाल ही में वाशिंगटन पोस्ट में एक आर्टिकल पढ़ा जिसमें केजरी को क्वोट किया गया है, कि मोदी psychopath हैं। ये तो लोकतंत्र की भाषा नहीं। भारत के छवि पर असर पड़ता है। और वैसे भी मोदी की कोई गलती मैं देख नहीं रहा। CBI ने खुद एक्शन लिया। गलत लिया तो वकील हायर करो। राजनीतिक मुद्दा है तो राजनीतिक भाषा बोलो।
Kejriwal is promising, but he should not punch above his weight, especially in unfair ways. और वैसे भी economic growth के मुद्दे पर केजरी कुछ नहीं मोदी के सामने। न विज़न देख रहा हुँ न एक्शन।
लेकिन वो बार बार शिकायत करते आए हैं कि मैंने चुनाव जिता लेकिन मोदी काम नहीं करने दे रहे हैं। तो I have taken that with a grain of salt. मोदी के rear view mirror में केजरीवाल दिखते होंगे ऐसा नहीं लगता। एक बात होता है कि बड़ा आदमी से लफड़ा लो और अपना कद बढ़ाओ। Which is cheap.
तथ्य आखिर है क्या? मोदी तंग कर रहे हैं। ये बात मेरे को मानने को मन नहीं कर रहा था। या तो मोदी का मेरा जो इमेज है गलत है या वो केजरी को तंग नहीं कर रहे। तो बात क्या है आखिर?
तो आज मेरे को जवाब मिल गया। नया साल मुबारक। मोदी को भी केजरी को भी।
The power struggle between Delhi and central government - The Economic Times https://t.co/lmENqiNX7Q
— Paramendra Bhagat (@paramendra) January 1, 2016
मेरे समझ में यहाँ क्या हो रहा है कि मोदी केजरी को तंग नहीं कर रहे। हो ये रहा है कि केजरी ये नहीं समझ रहे कि दिल्ली के पास statehood नहीं है। दिल्ली तो केंद्र शासित क्षेत्र है। तो केंद्र सरकार का मैंडेट तो मोदी को मिला हुवा है। पटना में नीतिश जो हैं या लखनऊ में अखिलेश दिल्ली में केजरी वो नहीं हैं।
दिल्ली को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए कि नहीं? मिलना चाहिए तो रोडमैप क्या है? वो तो बाद की बात है। या तो केजरी को एक रोडमैप प्रस्तुत करना होगा। कि मैं मानता हुँ दिल्ली को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और उसका नेतृत्व मैं करूँगा। तो वो एक रास्ता हुवा। दिल्ली के राज्य के दर्जा के बारे में मेरे को मालुम नहीं। मैंने अध्ययन नहीं किया है। तो मैं मुद्दे पर न्यूट्रल भी हुँ और अगर केजरी ये बीड़ा उठाना चाहें तो रोडमैप क्या हो सकता है उस पर मैं आर्यभट का शुन्य हुँ। I don't know.
लेकिन अभी तक जो हल्ला करते आए हैं केजरी ये मोदी के प्रति unfair है और केजरी को अपरिपक्व दिखाता है। मोदी का केजरी के साथ न कोई पर्सनालिटी क्लैश है न कोई प्रतिस्प्रधा है। And it would be out of character for Modi to harass Kejri. मेरे समझ में हो क्या रहा है कि केजरी ये नहीं समझ रहे हैं कि दिल्ली केजरी शासित क्षेत्र नहीं है, संविधान जैसा बतला रहा है। दिल्ली केंद्र शासित क्षेत्र है। तो अपना jurisdiction समझने का प्रयास करें। मोदी ट्विटर पर जा के रोना धोना करें कि देखो इतना बड़ा मैंडेट ले के आया मैं लेकिन सी जिनपिंग मेरे को चिनिया सेना का बागडोर सम्हालने नहीं दे रहा है तो कैसा लगेगा? अरे यार चीन आप का jurisdiction नहीं।
कुछ होता है ग्रे जोन। ये केजरी के क्षेत्राधिकार में है कि केंद्र के स्पष्ट नहीं होता। तो वहाँ दोनों प्रतिस्प्रधा करेंगे कि मेरा है मेरा है, वो तो स्वाभाविक है।
केजरी को एक प्रॉपर चीफ मिनिस्टर बनना है तो जाओ पंजाब जाओ। सुनते हैं वहां भी आप का अच्छा है। या दिल्ली को राज्य का दर्जा दिलाने का रोडमैप लाओ और जनता के पास जाओ। बीजेपी ने तो स्पष्ट कह ही दिया नहीं। कि हम नहीं चाहते दिल्ली अलग राज्य हो।
सबसे प्रमुख बात है मोदी पर बार बार जो घटिया और बहुत ही पर्सनल किस्म के अटैक जो हो रहे हैं उससे भारत के छवि पर असर पर रहा है। मैंने हाल ही में वाशिंगटन पोस्ट में एक आर्टिकल पढ़ा जिसमें केजरी को क्वोट किया गया है, कि मोदी psychopath हैं। ये तो लोकतंत्र की भाषा नहीं। भारत के छवि पर असर पड़ता है। और वैसे भी मोदी की कोई गलती मैं देख नहीं रहा। CBI ने खुद एक्शन लिया। गलत लिया तो वकील हायर करो। राजनीतिक मुद्दा है तो राजनीतिक भाषा बोलो।
Kejriwal is promising, but he should not punch above his weight, especially in unfair ways. और वैसे भी economic growth के मुद्दे पर केजरी कुछ नहीं मोदी के सामने। न विज़न देख रहा हुँ न एक्शन।
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