Friday, January 01, 2016

केजरीवाल, मोदी और दिल्ली

केजरीवाल जब पहली बार दिल्ली का मुख्य मंत्री बने उससे पहले मेरे राडार पर वो नहीं थे। लेकिन जब वो आए, I have to admit, it was a breath of fresh air. ये जो दुसरी बार जिते हैं, तो क्लियर मैंडेट है। स्मार्ट हैं, मेहनती हैं, साधारण पृष्ठभूमि के हैं, एक क्लीन इमेज है। दिल्ली के लिए एजेंडा भी अच्छा है।

लेकिन वो बार बार शिकायत करते आए हैं कि मैंने चुनाव जिता लेकिन मोदी काम नहीं करने दे रहे हैं। तो I have taken that with a grain of salt. मोदी के rear view mirror में केजरीवाल दिखते होंगे ऐसा नहीं लगता। एक बात होता है कि बड़ा आदमी से लफड़ा लो और अपना कद बढ़ाओ। Which is cheap.

तथ्य आखिर है क्या? मोदी तंग कर रहे हैं। ये बात मेरे को मानने को मन नहीं कर रहा था। या तो मोदी का मेरा जो इमेज है गलत है या वो केजरी को तंग नहीं कर रहे। तो बात क्या है आखिर?

तो आज मेरे को जवाब मिल गया। नया साल मुबारक। मोदी को भी केजरी को भी।


मेरे समझ में यहाँ क्या हो रहा है कि मोदी केजरी को तंग नहीं कर रहे। हो ये रहा है कि केजरी ये नहीं समझ रहे कि दिल्ली के पास statehood नहीं है। दिल्ली तो केंद्र शासित क्षेत्र है। तो केंद्र सरकार का मैंडेट तो मोदी को मिला हुवा है। पटना में नीतिश जो हैं या लखनऊ में अखिलेश दिल्ली में केजरी वो नहीं हैं।

दिल्ली को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए कि नहीं? मिलना चाहिए तो रोडमैप क्या है?  वो तो बाद की बात है। या तो केजरी को एक रोडमैप प्रस्तुत करना होगा। कि मैं मानता हुँ दिल्ली को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और उसका नेतृत्व मैं करूँगा। तो वो एक रास्ता हुवा। दिल्ली के राज्य के दर्जा के बारे में मेरे को मालुम नहीं। मैंने अध्ययन नहीं किया है।  तो मैं मुद्दे पर न्यूट्रल भी हुँ और अगर केजरी ये बीड़ा उठाना चाहें तो रोडमैप क्या हो सकता है उस पर मैं आर्यभट का शुन्य हुँ। I don't know.

लेकिन अभी तक जो हल्ला करते आए हैं केजरी ये मोदी के प्रति unfair है और केजरी को अपरिपक्व दिखाता है। मोदी का केजरी के साथ न कोई पर्सनालिटी क्लैश है न कोई प्रतिस्प्रधा है। And it would be out of character for Modi to harass Kejri. मेरे समझ में हो क्या रहा है कि केजरी ये नहीं समझ रहे हैं कि दिल्ली केजरी शासित क्षेत्र नहीं है, संविधान जैसा बतला रहा है। दिल्ली केंद्र शासित क्षेत्र है। तो अपना jurisdiction समझने का प्रयास करें। मोदी ट्विटर पर जा के रोना धोना करें कि देखो इतना बड़ा मैंडेट ले के आया मैं लेकिन सी जिनपिंग मेरे को चिनिया सेना का बागडोर सम्हालने नहीं दे रहा है तो कैसा लगेगा? अरे यार चीन आप का jurisdiction नहीं।

कुछ होता है ग्रे जोन। ये केजरी के क्षेत्राधिकार में है कि केंद्र के स्पष्ट नहीं होता। तो वहाँ दोनों प्रतिस्प्रधा करेंगे कि मेरा है मेरा है, वो तो स्वाभाविक है।

केजरी को एक प्रॉपर चीफ मिनिस्टर बनना है तो जाओ पंजाब जाओ। सुनते हैं वहां भी आप का अच्छा है। या दिल्ली को राज्य का दर्जा दिलाने का रोडमैप लाओ और जनता के पास जाओ। बीजेपी ने तो स्पष्ट कह ही दिया नहीं। कि हम नहीं चाहते दिल्ली अलग राज्य हो।

सबसे प्रमुख बात है मोदी पर बार बार जो घटिया और बहुत ही पर्सनल किस्म के अटैक जो हो रहे हैं उससे भारत के छवि पर असर पर रहा है। मैंने हाल ही में वाशिंगटन पोस्ट में एक आर्टिकल पढ़ा जिसमें केजरी को क्वोट किया गया है, कि मोदी psychopath हैं। ये तो लोकतंत्र की भाषा नहीं। भारत के छवि पर असर पड़ता है। और वैसे भी मोदी की कोई गलती मैं देख नहीं रहा। CBI ने खुद एक्शन लिया। गलत लिया तो वकील हायर करो। राजनीतिक मुद्दा है तो राजनीतिक भाषा बोलो।

Kejriwal is promising, but he should not punch above his weight, especially in unfair ways. और वैसे भी economic growth के मुद्दे पर केजरी कुछ नहीं मोदी के सामने। न विज़न देख रहा हुँ न एक्शन।


नया नेपाली प्रधान मंत्री पहिला भारत भ्रमण जानु पर्ने कारण के हो?

Geopolitics ---- भूराजनीति। Physics मा gravity जस्तो हो, राजनीति मा geopolitics त्यस्तै त्यस्तै हो। किनभने हामी जसलाई राजनीति भन्ने गर्छौं त्यो आखिर यो एउटा ग्रह को surface मा हुने गरेको कुरा हो। हामी Gravity भने पछि उत्तेजित हुन्छौं कि त्यसलाई प्रकृति को एउटा नियम भनेर स्वीकार गर्छौं र बरु त्यसको सदुपयोग गर्ने प्रयास गर्छौं? Satellite प्रयोग नगर्ने आज एउटा देश छैन। त्यो Newton ले gravity को नियम को गणित नदिएको भए संभव हुने थिएन।

भारत ले पनि चीन, रूस, अमेरिका सबै को Geopolitics मनन गर्दै अगाडि बढ्नु पर्ने हुन्छ। No country is too big to not take into account geopolitics. Just like no object is too big to not take into account the law of gravity. पृथ्वी ले चन्द्रमा तान्छ भने चन्द्रमा ले पनि पृथ्वी तान्छ। समुद्र मा त्यत्रो ज्वारभाटा हरु आइरहेको हुन्छ। म बसेको ठाउँ नजिक एउटा नदी छ। कहिले पानी उत्तर बाट दक्षिण बग्छ कहिले त्यसै नदी मा दक्षिण बाट उत्तर। चन्द्रमा ले तानेको।

भारत र नेपाल बीच साइज को कुरा मात्र होइन। साइज हो तर नेपाल भु होइन भारत परिवेष्टित छ। यहाँ सम्म कि नेपाल बाट चीन पुग्ने सबैभन्दा राम्रो बाटो पनि भारतको बाटो हो। जनकपुर-पटना-कोलकाता-कुन्मिंग। भने पछि नेपाल को तीन तिर होइन चार तिर नै भारत छ भने पनि हुन्छ। त्यो भुगोल हो। बदल्न नसकिने। You can pick your friends, but not your neighbors. But what if your neighbor is your best friend? How is that a bad situation?

साइज को पनि कुरा छ। भारत जुपिटर जस्तो, नेपाल जुपिटर को चन्द्रमा जस्तो। जुपिटर को एउटा चन्द्रमा मा सतह मा बरफ छ तर त्यो बरफ मुनि पानी छ। बरफ लाई पानी बनाउने गर्मी कहाँ बाट आयो। सुर्य बाट होइन। पानी चाहिएको कुरा। सुर्य अमेरिका हो। सुर्य टाढा छ। १०-१५ वर्ष मा नेपाली अमेरिका जान छोड्छ भारत जान्छ, त्यही प्रयोजन का लागि। भारतीय कंपनी नै नेपाल आइपुग्छ। भारतीय कंपनी नेपाल आएर नेपाली न अमेरिका न भारत जान पर्नु जुपिटर को एउटा चन्द्रमा मा पानी हो। पानी चाहिएको। त्यस चन्द्रमा मा पानी किन छ, बरफ किन पानी बन्यो भन्दा जुपिटर को गुरुत्वाकर्षण ले कहिले यता कहिले उता तानेर। चन्द्रमा सधैं समान दुरी मा रहँदैन। अनि त्यस यता उता बाट गर्मी उत्पन्न हुन्छ। भारत ले कहिले त्रिभुवन र बीपी त कहिले गणेशमान त कहिले गिरिजा-प्रचंड त कहिले मधेस आंदोलन को समर्थन गरेको त्यो तानतुन हो। त्यसले पानी दिन्छ।

तर छिमेकी र साइज को कुरा मात्र होइन। नेपाल र भारत बीच को बॉर्डर ---- दुनिया मा अर्को छैन यस्तो। भने पछि नेपाल भारत बॉर्डर लाई अमेरिका कनाडा को जस्तो बनाउनु पर्ने हो त? ती दुई पनि मित्र राष्ट्र नै हो। त्यो बड़ो आत्म घृणा पुर्ण विचार भयो। हुनुपर्ने त के हो भन्दा २२ औं शताब्दी सम्म मा दुनिया को प्रत्येक बॉर्डर नेपाल भारत जस्तो बनाउन बरु नेपाल भारत ले मिलेर पहल गर्ने। किनभने यो दुनिया को सबैभन्दा राम्रो बॉर्डर हो। टाँसिएर बसेको ले मात्र होइन। टाँसिएर त प्रत्येक देश बसेको छ। भने पछि नेपाल र भारत सँग के छ? त्यो के हो संपत्ति? संस्कृति, भाषा, धर्म। रोटीबेटी। त्यो त एसेट हो। सऊदी अरब ले तेल को खानी हरु लाई असेट भन्छ कि समस्या?

नया नेपाली प्रधान मंत्री पहिला भारत भ्रमण जानु पर्ने कारण के हो? टोल को गुंडा लाई हफ्ता बुझाए जस्तो यो रंगदारी सिस्टम होइन। नया नेपाली प्रधान मंत्री पहिला भारत भ्रमण जानु पर्ने कारण के हो भन्ने कुरा चीन लाई पनि थाहा छ, अमेरिका बेलायत सब लाई थाहा छ। कसैले त्यसलाई समस्या नै मान्दैन। भारत नजाउ पहिला हाम्रो देश आउ भनेर एउटा कुनै देशले इच्छा नै गरेको छैन।

नया नेपाली प्रधान मंत्री पहिला भारत भ्रमण जानु पर्ने कारण के हो?

अमेरिका ले एउटा Voyager पठायो। त्यो प्लूटो काटेर अझ उता उता पुगिसक्यो।


नेपालको नया प्रधान मंत्री विश्व भ्रमण मा निस्कनु भनेको प्लुटो पुग्ने प्रयास हो। Voyager ले बाटो मा पर्ने प्रत्येक ग्रह लाई एक चक्कर लगाएर अनि त्यस बाट गुलेली ले जस्तो थप गति लिँदै अगाडि बढेको। Slingshot effect भनिन्छ।





नया नेपाली प्रधान मंत्री पहिला भारत भ्रमण जानु पर्ने कारण भारत को इगो होइन। कारण भारत हुँदै होइन। Voyager जुपिटर को नजिक पुग्यो पुगेन त्यसले जुपिटर लाई के फरक पार्छ? नेपाल विश्व सम्म लाने सबैभन्दा राम्रो बाटो भारत को बाटो हो। त्यसै गरी विश्व लाई नेपाल ल्याउने सबैभन्दा राम्रो बाटो पनि भारत मार्फ़त नै हो। त्यो वैज्ञानिक यथार्थ हो। नेपालमा ४०,००० मेगावाट बिजली निकाल्न चाहिने पैसा विश्व बाजार मा छ। तर त्यो पैसा आउने भारत को बाटो नै हो। घर गिरवी राखेर लोन लिन्छ मान्छे ले। नेपाल ले भारत गिरवी राख्ने हो।

Gravity ले हामी लाई तीन मीटर माथि उफ्रिन दिँदैन। तर त्यो gravity बुझ्ने सानो घर भन्दा पनि सानो अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पुग्न सक्छ। नया नेपाली प्रधान मंत्री पहिला भारत भ्रमण जानु पर्ने कारण के हो? यो नबुझी नेपाल मा गरीबी समाप्त हुनु संभव छैन।

मोदी को विश्व भ्रमण त्यो विश्व भ्रमण भन्दा पनि जहाँ जहाँ भारतीय छन त्यो खोजी खोजी गएको हो। नेपालको प्रधान मंत्री ले त्यसरी नेपाली खोज्दै पुग्नु पर्ने ठाउँ भारत मा छ। दिल्ली मात्र दुनिया होइन। काठमाण्डु बाट दिल्ली बाट नेपाली बहुल शहर र राज्य हरु जाउ। मोदी ले जस्तो गर्ने हो भने।

Injured Madhesi leader Rajendra Mahato airlifted to Delhi for better treatment
Nepal's top Madhesi leader Rajendra Mahato, who had suffered injuries in a clash with police during a sit-in last week, was today airlifted to Delhi for further treatment as his condition did not improve. ....... The 57-year-old Chairman of Sadbhawana Party, one of the four Madhes-based political parties that have launched an agitation in southern Nepal under the banner of United Democratic Madhesi Front, has left for New Delhi for medical treatment, according to Vice president of the party ....... The senior Madhesi leader was initially airlifted from Dharan, where he was undergoing treatment for the past week, to the capital Kathmandu, from where he was again airlifted to Delhi. ...... The leader, who had sustained injuries including on head during a clash between the largely Indian-origin Madhesis and police at Biratnagar-Jogabani border check-point on December 26, was flown to Delhi as his health condition could not improve much even after staying in the ICU for some time ...... The senior Madhesi leader had spent over a week while undergoing treatment at a local hospital in Biratnagar and Dharan-based B P Koirala Institute of Health Sciences. ...... Mahato's blood pressure and sugar level were also found to be higher than normal. ...... He had fallen unconscious for some time while undergoing treatment
India, not China, could be first stop: Nepal PM KP Sharma Oli to Narendra Modi
Nepal's Prime Minister KP Sharma Oli on Thursday indicated that India, and not China, could be his first stop abroad as the premier of the Himalayan state in keeping with a longstanding tradition, but only after his country makes key amendments to its Constitution to meet the demands of the agitating Madhesis, an issue that has soured relations between Nepal and India since August....... during the 20-minute conversation, Modi invited Oli to visit India and Oli accepted the invitation, saying he will pay an official visit to India soon after the situation is normalised. ...... Nepal's deputy prime minister Kamal Thapa had on Tuesday announced that Oli would visit China next month on his first trip abroad as PM, but officials in Kathmandu said that Oli will visit India before undertaking his trip to Beijing. .......

India is of the opinion that no visit abroad by Oli will be productive unless his government walks the talk and amends the Constitution to meet the grievances of the agitating Madhesis during the ongoing session of Parliament.

....... A visit to China may have allowed the Nepalese PM to play the Beijing card against India, but would have done little to address the grievances of the Madhesis and subsequent agitation
Nepal PM KP Sharma Oli to visit China in likely snub to India?
Amid hiccups in Indo-Nepal ties over the Madhesi issue, Nepal's Prime Minister KP Sharma Oli is set to embark on his maiden China visit soon, ignoring the usual practice of visiting India first by a new premier. ...... "PM Oli will visit China in the beginning of the New Year 2016 during which many agreements will be signed," Deputy Prime Minister Kamal Thapa said. .....

Only Pushpa Kamal Dahal 'Prachanda' had rubbed India the wrong way when he chose China as the first destination of his foreign visit after taking over as Nepal's prime minister and attended the Beijing Olympics 2008.

....... India has been rather cold to Prachanda over the years and sees him as someone keen on pushing Nepal closer to China. ....... Nepal has already signed an MoU with Petro China to import all kinds of fuel, ending Indian Oil Corporation's long-held monopoly on the Nepalese fuel market. Nepal has been buying over USD 1.3 billion of gasoline from Indian Oil annually.
China visit by KP Sharma Oli won't address Madhesi concerns; India makes its stand clear
The announcement by Nepal's deputy PM Kamal Thapa that KP Sharma Oli may visit China on his first foreign trip as the prime minister next month may have caused some flutter, but New Delhi is of the opinion that no visit abroad will be productive unless his government amends the Constitution during the ongoing Parliament session to address the grievances of the agitating Madhesis.


How many moons does Mercury have?
Jupiter and Saturn have 67 and 62 officially named moons, respectively ...... even the recently-demoted dwarf planet Pluto has five confirmed moons – Charon, Nix, Hydra, Kerberos and Styx. And even asteroids like 243 Ida may have satellites orbiting them (in this case, Dactyl)...... It is also believed that Neptune's largest moon, Triton, was once a Trans-Neptunian Object (TNO) that was ejected from the Kuiper Belt and then captured by Neptune's gravity....... there is the possibility that moons are the result of massive collisions that caused a planet to ejected some of their material into space, which then coalesced to form a satellite in orbit. This is widely thought to be how the moon was formed, when a Mars-sized object (often referred to as Theia) collided with it 4.5 billion years ago...... A perfect example of this is Earth, which is able to hold the moon in its orbit, in the face of the overwhelming gravity of the Sun, because it orbits within Earth's Hill Sphere. Alas, this is why Mercury has no moons of its own. Categorically, it is not in a position to form one, capture one, or acquire one from material ejected into orbit ..... Given Mercury's small size (the smallest planet in the ) and its proximity to the Sun, it's gravity is too weak (and it's Hill Sphere too small) to retain a natural satellite. Basically, if a large object were to approach Mercury today, to the point that it actually entered its Hill Sphere, it would likely be snatched up by the Sun's gravity instead.
No. 10 Solving the lithium mystery
In the aftermath of the Big Bang, hydrogen, helium and lithium were the only three stable elements to form. Yet older stars have lithium abundances of only a third of what the Big Bang predicts. Was our understanding of the birth of the elements after the Big Bang wrong, or was something else going on inside these stars? ..... The interior structure of Sun-like stars is divided into three sections: a core many millions of degrees hot, a radiative layer above the core where energy is transported by radiation, and a turbulent convective layer where energy is transported by rising currents. The Trieste group found that in the process of their formation, stars experienced a great deal of mixing between their different interior zones and currents would drag lithium down beneath the convective layer, into the high temperatures of the radiative layer where the lithium was destroyed. So the lithium mystery was solved: the stars had digested almost all of it.
Postal service celebrates Pluto exploration and more



India, not China, could be first stop: Nepal PM KP Sharma Oli to Narendra Modi
Must Solve Madhesi Unrest Through Consensus, Modi Tells Nepal PM Oli
On the last day of a tumultuous year in India-Nepal ties, Prime Minister Narendra Modi spoke to his Nepalese counterpart KP Oli and impressed upon him the need to evolve a solution based on ‘sahmati’ (consensus) to the problems confronting the Himalayan nation and even reportedly invited him to India. ..... There were more details from the Nepalese side — with Oli’s aides claiming that the call was made by Modi himself. ..... The short Indian statement was a reflection of the priorities of New Delhi — which is to push both sides, Kathmandu and the Madhesis, to come to the table and reach an understanding over the passage of Constitutional amendments. This was not the highlight at least in the Nepalese media, which touted that Oli had raised the issue of disruption in supplies from India. ...... The 20-minute phone call came in the backdrop of recent talk of Oli travelling to China on his first foreign visit. Except for Maoist chief Prachanda when he became the PM, all other Nepali premiers had made their giant southern neighbour their first foreign destination. As per the Nepalese side, Modi invited Oli to visit India at his earliest convenience. However, Oli reportedly told Modi he will only visit India after restrictions at the border ease up. ..... While it’s clear that China will not be able to supplant India on oil supply due to geographic reasons, Kathmandu continues to prop up Beijing as was demonstrated by the recent week-long visit by the Nepalese Foreign Minister.