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हिन्दी: भारतीय राजनीतिज्ञ सुषमा स्वराज (Photo credit: Wikipedia) |
मैं अपने आपको भारतीय बोलता हुँ तो बहुत लोग संकोचमें आ जाते हैं। बहुत मधेसी भी protest करने लगते हैं। यादव लोग कहने लगते हैं नेपाल देशका स्थापना हम गोपालवंशीने किया। हम तो यहीं के हैं। होंगे। लोग हमें इतिहास पढ़ाने लगते हैं। कि देखो मधेसीका इतिहास है। हम हजारो सालसे यहीं पर रह रहे हैं। तुम अपने आपको भारतीय क्यों कहते हो?
मेरा व्यक्तिगत इतिहास है कि मैं भारतीय हुँ। मेरी माँ भारतीय होने के नाते मैं भारतीय हुँ। मैं ५०% नेपाली, ५०% भारतीय नहीं हुँ। मैं १००% नेपाली और १००% भारतीय हुँ। मैं पैदा ही भारतमें हुवा था। नेपाल मेरा पितृ भुमि और भारत मातृ भुमि। भारत मेरा जन्म भुमि।
आप भारतीय नहीं हैं तो नहीं हैं, मैं तो हुँ।
लेकिन आप भी भारतीय हैं। जिस तरह फिजी के भारतीय फिजीके नागरिक होने के बाबजुद भारतीय हैं। आप नेपालके नागरिक होंगे, फिर भी आप सब भी भारतीय हैं। अपने self hate से छुटकारा पाइए और इस बातको कबुल करिए कि आप भारतीय हैं।
ब्रिटिश ने आपको नेपाली बना दिया क्या? मधेशका राजनीतिक इतिहास देखिए। १८१६ और १८६० में क्या हुवा? मधेश ब्रिटिशो का बापका सम्पत्ति तो था नहीं। आज दुनिया में भारत एक ताकत है। ब्रिटेन तो लापता है। तो फिर आपको अपने आपको भारतीय कहने में संकोच क्युँ? आईने में अपना चेहरा देखके आप लजा क्युँ जाते हैं? अपने आप पर गर्व करिए।
ब्रिटेन ने १८१६ और १८६० में जो गलती किया, उसका आधुनिक समाधान दो है: (१) नेपालमें संघीयता और स्वायत्त मधेश, यानि कि मधेश स्वराज और (२) दक्षिण एशिया का आर्थिक एकीकरण।
इन दोनो ही बातो पर कोई compromise नहीं होगा। अधिकार पर भी compromise होता है क्या?
१८१६ और १८६० का इतिहास बता रही है, प्रत्येक मधेसी भारतीय है। वो परिचय नेपाली नागरिकता के साथ coexist करती है। फिजी के भारतीय अपने आप को भारतीय मानते हैं, कबुल करते हैं, आप भी कबुल करिए। ख़तम करिए अपने self hate (आत्म घृणा) को। सर ऊँचा कर के चलिए। अपने पहचान को कबुल करिए।