पुर्ण आन्तरिक लोकतन्त्र वाली पार्टी
- पार्टीके केन्द्रीय अध्यक्षको पार्टी महाधिवेशनमें बहुमतके आधार पर चुना जाएगा। अध्यक्षके उम्मीदवारको ५०% से ज्यादा मत लाने होंगे।
- ३१ केंद्रीय समिति सदस्य होंगे। उनको भी पार्टी महाधिवेशनमें चुना जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता मतदान करेंगे।
- ५ पदाधिकारी होंगे। उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष, संगठक। अध्यक्ष। पार्टी महाधिवेशनमें सब चुने जाएंगे।
- केन्द्रीय समितिकी बैठक होगी प्रत्येक तीन महिनेमें एक बार। उस बैठकके minutes पार्टीके वेबसाइट पर रखे जाएंगे।
- प्रत्येक संसदीय क्षेत्रमें एक क्षेत्रीय समिति होगी। आन्तरिक निर्वाचनद्वारा चुना गया व्यक्ति क्षेत्रीय अध्यक्ष होगा, और चुनावमें टिकट भी उसीको मिलेगा। टिकट पार्टी अध्यक्ष या केंद्रीय समिति वितरण नहीं करेंगे।
- पार्टीके आय व्ययका पैसे पैसेका हिसाब पार्टीके वेबसाइट पर रखा जायेगा। जो डोनर नाम न खुलाना चाहें उनका नाम ना खुलाया जाएगा।
- स्थानीय चुनावमें टिकटका वितरण भी उसी तरह किया जाएगा, उपरसे टिकट वितरण नहीं किया जाएगा।
- पुर्ण आन्तरिक लोकतन्त्रका सस्ता तरिका: वार्ड लेवलसे केन्द्र तक आप चुनाव ही कराते रहिएगा तो कितने बैलट छपेंगे? खर्चा कितना बैठेगा? कौन देगा खर्चा? एक तरीका है जिसमें खर्चा ही नहीं होता है। मान लिजिए पार्टीका महाधिवेशन हो रहा है। देश भरसे १,००० प्रतिनिधि जमा हुए हैं। पार्टी अध्यक्षके लिए ३ उम्मीदवार मैदानमें हैं। तो क्या करेंगे। उन १,००० लोगोको आप तीन गुटमें बँटके खड़े होनेको बोलेंगे। उम्मीदवार क के नाम पर ३५० लोग खड़े हुए, उम्मीदवार ख के नाम पर ३५०, और उम्मीदवार ग के नाम पर ३०० लोग, लेकिन नियम है कि पार्टी अध्यक्षके लिए कमसेकम ५०% वोट चाहिए। तो उम्मीदवार ग को पराजित घोषित किया जायेगा, और उनके ३०० समर्थकोंको तभी कहा जाएगा, अब आप उम्मीदवार क और उम्मीदवार ख में से एकको चुनिए। वो ३०० लोग चलके दोमें एक चुनेंगे। पैदल चलके मत डालेंगे। बैलटकी कोइ जरुरत नहीं है। खुला लोकतन्त्र। ये एक भी पैसा खर्चा किए बगैर चुनाव करानेका तरीका स्थानीय लेवल पर और भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है। वार्ड वार्ड में संगठन निर्माण करना है तो कैसे करेंगे नेतृत्वका चयन? ऐसे ही।
- पार्टीमें ५१% पद फ्री कम्पटीशनसे, और ४९% आरक्षणके सिद्धान्त पर बाँटा जाए। दलित, महिला, मुस्लमान और गरीबको आगे लाया जाए और नेतृत्वकी ओर बढ़ाया जाए।