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Wednesday, July 10, 2024

Nepal: The Vishwa Guru of a New Economic Era



Nepal stands on the cusp of a monumental transformation, poised to become the Vishwa Guru, or teacher to the world. The catalyst for this change is the revolutionary economic system proposed in the Kalkiist Manifesto. This groundbreaking proposal marks the first attempt in 5,000 years to end the Kali Yuga, the age of darkness, and usher in a new era of prosperity and balance.

The Failure of Traditional Economies



For centuries, the world has experimented with various economic systems—communism, socialism, and capitalism. Despite their differences, these systems share a common flaw: they are all money economies. Each has been likened to different flavors of the same ice cream, ultimately leading to similar problems. Capitalism, in particular, has brought us to the brink with global warming, a stark reminder of Einstein's definition of insanity: doing the same thing over and over again and expecting different results. Clearly, capitalism cannot solve the crisis it helped create.

A Radical Rethink: The Kalkiist Manifesto



The Kalkiist Manifesto offers a fresh perspective on economic systems, proposing a radical rethink of how our economies should function. Its vision is simple yet profound: everyone will have a job, and every job will pay the same. This egalitarian approach extends to all forms of work, including domestic duties traditionally undertaken by women. In this new system, payment is not made in money but in time units.

The Mechanics of the New Economy



Under the Kalkiist system, if you work for eight hours, you earn eight hours in your account, digitally managed by the government. All goods and services are priced in hours, minutes, and seconds, creating a direct correlation between the time you spend working and your purchasing power. This innovative approach eliminates the anxieties surrounding AI and automation, promising a Cambrian explosion of productivity and universal prosperity.

The Dawn of a New Age



Implementing the Kalkiist Manifesto in Nepal positions the nation as a global leader in economic innovation. By pioneering this system, Nepal will not only transform its own society but also provide a model for the rest of the world to follow. The promise of a fair, time-based economy heralds a new age where prosperity is accessible to all, and the lessons learned from Nepal's experience will guide other nations in their own journeys toward economic harmony.

In conclusion, Nepal's adoption of the Kalkiist Manifesto represents a bold step towards ending the Kali Yuga and establishing a new economic order. As the Vishwa Guru, Nepal will teach the world that a fair and just economic system is possible, setting the stage for a future where everyone can thrive.



नेपाल: एक नए आर्थिक युग का विश्व गुरु



नेपाल एक महान परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है, और वह विश्व गुरु बनने के लिए तैयार है। इस परिवर्तन का उत्प्रेरक है कल्किईस्ट मैनिफेस्टो में प्रस्तावित क्रांतिकारी आर्थिक प्रणाली। यह ऐतिहासिक प्रस्ताव 5,000 वर्षों में पहली बार है जिसने कलियुग को समाप्त करने का प्रयास किया है और समृद्धि और संतुलन के एक नए युग की शुरुआत की है।

पारंपरिक अर्थव्यवस्थाओं की विफलता



सदियों से, दुनिया ने विभिन्न आर्थिक प्रणालियों का प्रयोग किया है—कम्युनिज्म, समाजवाद, और पूंजीवाद। अपनी विविधताओं के बावजूद, इन प्रणालियों में एक सामान्य दोष है: वे सभी धन की अर्थव्यवस्थाएं हैं। इन सभी को एक ही आइसक्रीम के विभिन्न फ्लेवरों की तरह बताया गया है, जो अंततः समान समस्याओं की ओर ले जाती हैं। विशेष रूप से पूंजीवाद ने हमें ग्लोबल वार्मिंग की कगार पर ला दिया है, आइंस्टीन की पागलपन की परिभाषा का एक स्पष्ट अनुस्मारक: बार-बार एक ही काम करना और अलग परिणाम की उम्मीद करना। स्पष्ट रूप से, पूंजीवाद उस संकट को हल नहीं कर सकता जो उसने खुद पैदा किया है।

एक मौलिक पुनर्विचार: कल्किईस्ट मैनिफेस्टो



कल्किईस्ट मैनिफेस्टो आर्थिक प्रणालियों पर एक नई दृष्टि प्रदान करता है, जिसमें हमारी अर्थव्यवस्थाओं के कार्य करने के तरीके का एक मौलिक पुनर्विचार प्रस्तावित है। इसकी दृष्टि सरल लेकिन गहरी है: हर किसी के पास नौकरी होगी, और हर नौकरी का वेतन समान होगा। यह समानतावादी दृष्टिकोण उन सभी प्रकार के कार्यों तक विस्तारित होता है, जिनमें महिलाओं द्वारा पारंपरिक रूप से किए गए घरेलू कार्य भी शामिल हैं। इस नई प्रणाली में, भुगतान धन में नहीं बल्कि समय इकाइयों में किया जाएगा।

नई अर्थव्यवस्था की यांत्रिकी



कल्किईस्ट प्रणाली के तहत, यदि आप आठ घंटे काम करते हैं, तो आपके खाते में आठ घंटे अर्जित होते हैं, जिसे सरकार द्वारा डिजिटल रूप से प्रबंधित किया जाता है। सभी वस्तुओं और सेवाओं की कीमत घंटे, मिनट और सेकंड में निर्धारित की जाती है, जिससे आपके काम में बिताए समय और आपकी क्रय शक्ति के बीच एक सीधा संबंध बनता है। यह अभिनव दृष्टिकोण एआई और स्वचालन से संबंधित चिंताओं को समाप्त करता है, उत्पादकता और सार्वभौमिक समृद्धि के एक कैम्ब्रियन विस्फोट का वादा करता है।

एक नए युग का आगमन



नेपाल में कल्किईस्ट मैनिफेस्टो का कार्यान्वयन राष्ट्र को आर्थिक नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में स्थान देता है। इस प्रणाली को अपनाकर, नेपाल न केवल अपने समाज को बदल देगा बल्कि अन्य देशों के लिए एक मॉडल भी प्रदान करेगा। एक न्यायसंगत, समय-आधारित अर्थव्यवस्था का वादा एक नए युग की शुरुआत करता है जहां समृद्धि सभी के लिए सुलभ है, और नेपाल के अनुभव से सीखे गए सबक अन्य राष्ट्रों को आर्थिक समरसता की अपनी यात्राओं में मार्गदर्शन करेंगे।

निष्कर्षतः, नेपाल का कल्किईस्ट मैनिफेस्टो को अपनाना कलियुग को समाप्त करने और एक नए आर्थिक क्रम की स्थापना की दिशा में एक साहसी कदम का प्रतिनिधित्व करता है। विश्व गुरु के रूप में, नेपाल दुनिया को सिखाएगा कि एक न्यायसंगत और सही आर्थिक प्रणाली संभव है, और एक ऐसे भविष्य की स्थापना करेगा जिसमें हर कोई सफल हो सके।



Monday, January 22, 2024

Bhakti Marg: The Easiest Way To Understand The Kalkiist Manifesto

The most awaited person in human history is here on earth in human incarnation. Christians pray to him to come become king of all earth. Hindus wait for him to come end this Kali Yuga, this age of much sin. He is the long awaited Messiah of the Jews. Buddhists know why he was given every possible luxury as a child in his previous human incarnation as Lord Buddha. There has never before been one king for all earth. There are prophecies He has fulfilled. More important, for the first time in 5,000 years someone has presented a roadmap to end this Kali Yuga. It is a book anyone can choose to read. It is up for public discussion. Hindus have a name for Him, Lord Kalki. The easiest way to prove He is not Lord Kalki is for anyone to prove the roadmap that has been presented is not it. So far nooone has even tried.

Lord God is here and He is in human incarnation. Hindus know him as Vishnu. Jews call him Yahweh. And He is here.



Lord God the Holy Father is here on earth in human incarnation.

The roadmap is called The Kalkiist Manifesto. I had the honor to read the early drafts of the book before it got published. At first it was hard for me to understand. But once I came to know who the author was, the book became plain as can be.

Friday, March 02, 2018

भारतवर्ष र येशु







The Fullness Of My Humanity
From Belief To Knowledge Of God
या अल्लाह, या अब्बा
My Biographical Details Of The Past Few Decades
I Have Lived An Ordinary Life
Showered On By The Holy Spirit
The First Coming, The Second Coming, The Final Coming
The Caste System Can Go Now
Justice And Prosperity On Earth
"Nobody Goes To The Father But Through Me"
I Am My Own Shadow
Moses Waited 40 Years
Bramha Is Isa Is Jesus

एउटा ईश्वरले भारतवर्षको सृष्टि गरेको र अर्कै ईश्वरले बेलायत अमेरिका सृष्टि गरेको त होइन होला। सारा ब्रह्माण्डको सृष्टि ईश्वरले गरेको। वेद, कुरान, बाइबल, गीता सबैले त्यही कुरा भन्छन। भनेपछि त ईश्वर एक हो। पाँच अंधोले हात्ती छामे जस्तो विभिन्न धर्म ले ईश्वर लाई बुझ्ने प्रयास गरेका छन। तर वेद, कुरान, बाइबल, गीता सबैका लेखक त्यही एक ईश्वर भएका ले ती पुस्तक हरु एक अर्का सँग बाझ्दैनन।

यहुदी हरु लाई chosen people भनिन्छ। भारतवर्ष को ब्राह्मण त्यस्तै chosen people हो। तर जुन ब्रम्हा ले त्यस ब्राम्हण लाई विशेष स्थान दिए त्यही ब्रम्हा को पहिलो मानव अवतार येशु लाई तिरस्कार गर्नमा भारतवर्षको ब्राम्हण आज सबैभन्दा अगाडि छ। गाई खाने भाषा, गाई खाने धर्म भनेर तिरस्कार गरिन्छ। धर्म परिवर्तन विरुद्ध कानुन बनाइन्छ।

महाभारतमा भनिएको छ, हे ब्रम्हा, तपाइँका थुप्रै नाम हरु मध्ये एक नाम हो ईशा। ईशा कुरान मा येशु को नाम हो। आमाले बोलाउने नाम येशुवा। त्यसैलाई ग्रीक मा जीजस भन्दिए। विष्णुको मानव अवतार राम र कृष्ण। ब्रम्हा को येशु। भने पछि हिंदु ले ब्रम्हा लाई तिरस्कार गर्नु पर्ने कारण के पर्यो?

महाभारत को अन्त्य तिर भनिएको छ, एउटा युग समाप्त भयो र अब कलियुग शुरू भयो। कलियुग मा के हुन्छ? कलियुग मा पाप हुन्छ। पापी मान्छे त नर्क जान्छ। भने पछि सबै मानिस नर्क जाने भए। गीता मा भगवन कृष्ण ले भनेका छन, हे अर्जुन, जस्तो सुकै पाप गरेको भए पनि तिमी Wisdom को बाटो स्वर्ग जान सक्छौ। Wisdom भनेको यहुदी हरु को बाइबल मा (जसलाई क्रिस्चियन ले Old Testament भन्छ) जीजस को नाम हो। Wisdom लाई अनुवाद गर्ने हो भने ब्रम्हा भन्नु पर्ने हुन्छ।

खुद भगवान कृष्ण ले कलियुग का मानिस लाई Go Accept Jesus भनेको अवस्था छ। त्यो पनि जीजस जन्मिनु भन्दा ३,००० वर्ष अगाडि जति बेला बाइबल को एक शब्द पनि लेखिएको थिएन।

राति को आकाशमा तारा हरुको pattern कहिल्यै पनि दोहोरिँदैन। रामायण र महाभारत का प्रमुख घटना हरुका समयमा गरिएको राति को आकाश को वर्णन ले भगवान राम ७,००० वर्ष अगाडि र भगवान कृष्ण ५,००० वर्ष अगाडि धरती मा प्रकट भएका हुन भन्न सकिन्छ।  त्यो त विज्ञान हो।

हिन्दु हरुको हठ के छ भने भारतवर्ष मा भगवान जन्मिए त्यस भगवान लाई मानने तर भारतवर्ष बाहिर जन्मिए त्यही भगवान लाई फेरि नमान्ने। कस्तो अचम्म को लिडे ढिपी ! ईश्वर के हिन्दु का मात्र ईश्वर हुन?

बाबरी मस्जिद र राम जन्मभुमि को विवाद मुर्खता को पराकाष्टा हो। भगवान राम भगवान रामको रुपमा पृथ्वी मा जन्मिनु अगाडि जुन रुपमा थिए त्यसैलाई त मुसलमान ले अल्लाह भन्छ। अल्लाह त फगत एक शब्द हो। त्यही शब्द लाई अँग्रेजी मा God भनिन्छ।

पाँच अन्धो ले एक अर्का सँग नोट compare गर्ने हो र ईश्वर को विराट स्वरुप बारे एक अर्का सँग थप जानकारी लिने हो।

भगवान शिव ले गरेको काम भगवान रामले गरेनन, भगवान रामले गरेको काम भगवान कृष्ण ले गरेनन, भगवान कृष्ण ले गरेको काम भगवान जीजस ले गरेनन, र भगवान जीजस ले गरेको काम भगवान कृष्ण, भगवान राम, भगवान शिव ले गरेनन। तर भगवान शिव ले जे गरे, भगवान राम, भगवान कृष्ण ले जे गरे, भगवान जीजस ले जे गरे त्यो सबै समस्त मानव जाति का लागि सधैँ सम्म का लागि सान्दर्भिक छ। भगवान शिवले धरती मा गरेको काम मा भगवान राम र भगवान जीजस सहभागी थिए। भगवान जीजस ले गरेको काम मा भगवान शिव र भगवान राम सहभागी थिए। God is One: the three exist in perfect harmony.

हिन्दु धर्म मा भनिएको छ त जन्म पछि जन्म पछि जन्म। धरतीमा नै आत्मा को recycling भइराख्छ। Paradise पुग्नु छ भने जीजस लाई accept गर्नु पर्छ त। भगवान कृष्ण ले कलियुग का मानिस लाई दिएको सन्देश हो त्यो। The Father and I are one भनेर जीजस ले भनेको। भनेको कृष्ण र जीजस एक हुन। कृष्ण को अराधना गरे जीजस रिसाउने, जीजस को अराधना गरे कृष्ण रिसाउने भन्ने हुँदैन। शिव, राम, कृष्ण, जीजस कसैको पनि सन्देश पुरानो र काम नलाग्ने भएको छैन। योग पुरानो भएको छैन, परिवार र न्याय र धर्म पुरानो भएको छैन। Salvation पुरानो भएको छैन।

यहुदी ले २,००० वर्ष अगाडि गरेको गल्ती र अहिलेसम्म गर्दै आएको गल्ती भारतवर्षको बाहुन ले आज गर्दैछ। आँखा खोल। आफ्नै ब्रम्हा लाई चिन।

Needy को देखरेख गर भनेर जति बलियो शब्द मा जीजस ले Gospel (शुभ समाचार) मा भनेका छन त्यति कुनै समाजवादी चिंतक ले भनेको छैन। पुजारी हरुको जति कड़ा आलोचना जीजस ले गरे त्यति कड़ा आलोचना कुनै मार्क्सवादी ले गरेको छैन। तर ईश्वर नै छैन भन्ने नास्तिक विचार दुर्गति तर्फ लाने विचार हो। नेपाल चलाएर बसेका बाहुन हरु चोरी मा पोख्त छन, भ्रष्टाचारमा लिप्त छन। चोरी पाप हो भन्ने नै थाहा नहुने बाहुन पापी कि पुजारी? वेद, कुरान, बाइबल, गीता कसैले पनि चोरी पाप होइन भनेको छैन त।

वेद पहिलो अध्याय हो भने, रामायण यदि दोस्रो र महाभारत तेस्रो अध्याय हो भने बाइबल त्यसै अलौकिक पुस्तक को चौथो र कुरान पाँचौ अध्याय हो। पुस्तक त पुरै पढ्नु परेन र? शिक्षा पुरा गर्नु परेन?

जसलाई हिन्दू ले शिव भन्छन तिनै लाई क्रिस्चियन ले Holy Spirit भन्छन। जसलाई हिन्दु ले विष्णु, राम, कृष्ण भन्छन तिनै लाई क्रिस्चियन ले Holy Father भनेको हुन्छ। हिन्दू को ब्रम्हा नै त क्रिस्चियन को जीजस हो।