लगातार २० साल तक २०% आर्थिक वृद्धि दर देने में सबसे कठिन पार्ट है राजनीतिक काम जो कि जनमत पार्टी कर रही है। फ्रेंच क्रांति के स्तर का एक क्रांति करना होगा। मारधार खुनखराबा वाला नहीं। ढिशुम ढिशुम नहीं। लेकिन फ्रेंच क्रांति ने एक रूलिंग क्लास को पुर्ण रूप से विस्थापित कर दिया। कुछ वैसा। बिलकुल संभव है। काम शुरू हो गया है।
एक साधारण चुनावी अभियान के बल पर जनमत पार्टी अगर ३५% सीट जित के देशकी सबसे बड़ी पार्टी बन के काठमाण्डु पहुँचती भी है तो सरकार तो बना लेगी लेकिन देश और समाज का आमुल परिवर्तन नहीं कर सकेगी। एक चुनाव के बाद १५ या ३५% सीट जित के काठमाण्डु पहुँचने के बाद तो मौका ही गुम हो जाएगा। सत्ता में रहिए या प्रतिपक्ष में अकेले नहीं रह सकिएगा। और उसके बाद वाले चुनाव में आप और पार्टी से अलग हैं ये कहने के स्थिति में नहीं रहिएगा।
जनमत पार्टी को चाहिए ६५% से उपर सीट। और सत्ता में पहुँचने के बाद उच्चतम आतंरिक लोकतंत्र और चरम पार्टी अनुशासन जो कि अभी प्रदर्शन कर रही है।
पहले १०० दिन में पाँच साल के लिए फ्रेमवर्क बना लेना होगा। संविधान पुनर्लेखन के रास्ते सच्चा संघीयता और समावेशिता। राज्य का पुनर्संरचना। नेपाल के नौकरशाही में दो तिहाई तो डेड वुड (dead wood) है। नागरिक सरकारी ऑफिस कयों जाए? सरकारी ऑफिस को ही नागरिक के घर पहुंचना होगा डिजिटल सेवा के रूप में। नेपाल के भुमि पर रहे प्रत्येक व्यक्ति को बायोमेट्रिक आधार पर डिजिटल पहिचानपत्र और उसके आधार पर बैंक खाता। पहले १० महिना में किसी तह के सरकार द्वारा खर्चा नहोनेवाला समस्त पैसा सीधा कॅश ट्रांसफर।
राजनीतिक भागबण्डा पर पद पर पहुँचे सभी न्यायधीश का घर वापसी।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन आग इसलिए नहीं पकड़ रही है कि भ्रष्टाचार समाप्ति का ठोस कार्यक्रम सामने आया नहीं है। एक हाकिम साहेब टॉपलेस नगर परिक्रमा कर लेंगे उससे भ्रष्टाचार समापत हो जाएगा ये बात जनता पतिया नहीं रही है। सरकारी तलब लेने वाले या सरकारी ठेकापट्टा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपना और अपने परिवार का संपत्ति विवरण प्रत्येक साल दर्ता कराना होगा, अख्तियार को पुर्ण रूप से नया रूप देना होगा। एक नया अख्तियार पैदा करना होगा। दाँत वाला। उसको सबल और स्वायत्त बनाना होगा।
जबसे सी जिनपिंग सत्ता में आया १०% वाला आर्थिक वृद्धि दर चीन के लिए सपना हो गया। बन्दे को आर्थिक वृद्धि का अतापता नहीं है। स्वाभाविक बात है। जिस मिडल इनकम ट्रैप में चीन जा के फँस गयी है वो सिंगापोर ने कभी देखा नहीं। क्यों कि सिंगापोर ने सदा माना जॉब क्रिएशन तो निजी क्षेत्र का काम है। सरकार का काम है शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस।