नेपाल में मधेसी समुदाय का प्रमुख समस्या नागरिकता का है। तीन चार बार मधेसियों ने आन्दोलन ही नहीं क्रान्ति ही की। अंतरिम संविधान के बाद देश में नया संविधान जारी हुवा। नए कानुन बनें। लेकिन मधेसी समुदाय का नागरिकता समस्या समाधान होने के बजाय और विकराल होता जा रहा है।
किसी भी मनुष्य को नागरिकता पत्र से वंचित करना मानव अधिकार का हनन है। यानि कि प्रत्येक मनुष्य को किसी न किसी देश का नागरिक होना मानव अधिकार है। जैसे कि वाक स्वतंत्रता मानव अधिकार है। नेपाल के संविधान ने मानव अधिकार को अकाट्य माना है। फिर भी खुलेआम ढेर सारे मधेसियों को नागरिकता पत्र से वंचित किया जा रहा है और वो भी बड़े सुनियोजित ढंग से।
राजनीतिक संघर्ष तो जारी रखना होगा और रहेगा भी। लेकिन मुझे दिख रहा है कि नेपाल के मधेसी के लिए ही नहीं दुनिया के सभी लोगो के लिए नागरिकता और परिचय के समस्या का समाधान नयी उभरती टेक्नोलॉजी ब्लॉकचैन होने जा रहा है।
ब्लॉकचैन (Blockchain) क्या है? बहुत लोग ब्लॉकचैन को बिटक्वाइन (Bitcoin) समझ लेते हैं। वो तो ऐसा हुवा कि आप इंटरनेट को जीमेल (Gmail) समझ लें। इंटरनेट एक बृहत् टेक्नोलॉजी है। उसका एक पक्ष है ईमेल। ईमेल भी ढेर सारे हैं। उस में एक है जीमेल। बिटक्वाइन (Bitcoin) एक क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) और वैसे और भी हैं जैसे कि ईथरियम (Ethereum) हालांकि सबसे बड़ी बिटक्वाइन (Bitcoin) ही है। लेकिन जिस तरह इंटरनेट एक जीमेल से बहुत बड़ा है उसी तरह ब्लॉकचैन (Blockchain) बिटक्वाइन (Bitcoin) से बहुत बड़ा है।
इंटरनेट व्यक्ति को जानकारी (information) उपलब्ध कराती है। कहा जाता है आज दुनिया के एक मनुष्य जिसके हाथ में स्मार्टफोन है और जिससे वो इंटरनेट सर्फ करता है उसके पास उतनी जानकारी है जितना इंटरनेट से पहले सिर्फ अमेरिका के राष्ट्रपति के पास हुवा करता था।
तो ब्लॉकचैन (Blockchain) को मानिए इंटरनेट से १,००० गुना बड़ा। उससे भी बड़ा। पुराने दुनिया के मीडिया को इंटरनेट ने जो किया पैसा को ब्लॉकचैन (Blockchain) वही करेगी। और सिर्फ पैसा ही नहीं विश्वास (trust) को। ब्लॉकचैन (Blockchain) को मानिए बहीखाता। एक परमानेंट डिजिटल बहीखाता। अगर दुनिया का प्रत्येक ट्रांज़ैक्शन (transaction) एक परमानेंट डिजिटल बहीखाता पर रखा जाए तो क्या होगा? वही ब्लॉकचैन (Blockchain) है।
अगर दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी दुसरे कोने तक पैसा आप तुरन्त और जीरो फी पर ट्रांसफर कर सकेंगे तो क्या होगा? क्रांति हो जाएगी। ब्लॉकचैन (Blockchain) वही करने जा रही है।
जिस तरह इंटरनेट न किसी देश का है और न किसी कम्पनी का उसी तरह ब्लॉकचैन (Blockchain) भी न किसी देश का रहेगा और न किसी कम्पनी का। समस्त मानवजाति का रहेगा। जिस तरह इंटरनेट अभी भी निर्माणाधीन ही है उसी तरह ब्लॉकचैन (Blockchain) बनना शुरू हो गया है और सालों दशकों तक बनता ही रहेगा।
वाक स्वतन्त्रता तो इंटरनेट से पहले भी था। लेकिन वाक स्वतन्त्रता इंटरनेट के बाद कुछ दुसरा ही मायने रखती है। उसी तरह मधेसी समुदाय के नागरिकता समस्या को महोत्तरी या धनुषा के जिल्ला कार्यालय अथवा काठमाण्डु के गृह मंत्रालय अथवा बालुवाटार के प्रधान मंत्री निवास से मुक्त किया जा सकेगा। ब्लॉकचैन (Blockchain) पर ही प्रत्येक मधेसी का ही नहीं प्रत्येक मनुष्य का राजनीतिक परिचय सुरक्षित रहेगा। उसी ब्लॉकचैन (Blockchain) पर बैंकिंग कर सकेंगे लोग। हाथ में स्मार्टफोन पर बैंक रहेगा। दिन में एक डॉलर पर दो डॉलर पर गुजारा कर रहे लोगों को बैंक लोन मिलने लगेगा ब्लॉकचैन (Blockchain) पर।
पृथ्वी के उपर हजारों सैटेलाइट घुमेंगे और धरती के कोने कोने पर इंटरनेट उपलब्ध रहेगा। किसी को भी नागरिकता पत्र से वंचित करना असंभव हो जाएगा। बैंक लोन लेने के लिए जमीन जायदाद की जरुरत नहीं पड़ेगी।
किसी भी मनुष्य को नागरिकता पत्र से वंचित करना मानव अधिकार का हनन है। यानि कि प्रत्येक मनुष्य को किसी न किसी देश का नागरिक होना मानव अधिकार है। जैसे कि वाक स्वतंत्रता मानव अधिकार है। नेपाल के संविधान ने मानव अधिकार को अकाट्य माना है। फिर भी खुलेआम ढेर सारे मधेसियों को नागरिकता पत्र से वंचित किया जा रहा है और वो भी बड़े सुनियोजित ढंग से।
राजनीतिक संघर्ष तो जारी रखना होगा और रहेगा भी। लेकिन मुझे दिख रहा है कि नेपाल के मधेसी के लिए ही नहीं दुनिया के सभी लोगो के लिए नागरिकता और परिचय के समस्या का समाधान नयी उभरती टेक्नोलॉजी ब्लॉकचैन होने जा रहा है।
ब्लॉकचैन (Blockchain) क्या है? बहुत लोग ब्लॉकचैन को बिटक्वाइन (Bitcoin) समझ लेते हैं। वो तो ऐसा हुवा कि आप इंटरनेट को जीमेल (Gmail) समझ लें। इंटरनेट एक बृहत् टेक्नोलॉजी है। उसका एक पक्ष है ईमेल। ईमेल भी ढेर सारे हैं। उस में एक है जीमेल। बिटक्वाइन (Bitcoin) एक क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) और वैसे और भी हैं जैसे कि ईथरियम (Ethereum) हालांकि सबसे बड़ी बिटक्वाइन (Bitcoin) ही है। लेकिन जिस तरह इंटरनेट एक जीमेल से बहुत बड़ा है उसी तरह ब्लॉकचैन (Blockchain) बिटक्वाइन (Bitcoin) से बहुत बड़ा है।
इंटरनेट व्यक्ति को जानकारी (information) उपलब्ध कराती है। कहा जाता है आज दुनिया के एक मनुष्य जिसके हाथ में स्मार्टफोन है और जिससे वो इंटरनेट सर्फ करता है उसके पास उतनी जानकारी है जितना इंटरनेट से पहले सिर्फ अमेरिका के राष्ट्रपति के पास हुवा करता था।
तो ब्लॉकचैन (Blockchain) को मानिए इंटरनेट से १,००० गुना बड़ा। उससे भी बड़ा। पुराने दुनिया के मीडिया को इंटरनेट ने जो किया पैसा को ब्लॉकचैन (Blockchain) वही करेगी। और सिर्फ पैसा ही नहीं विश्वास (trust) को। ब्लॉकचैन (Blockchain) को मानिए बहीखाता। एक परमानेंट डिजिटल बहीखाता। अगर दुनिया का प्रत्येक ट्रांज़ैक्शन (transaction) एक परमानेंट डिजिटल बहीखाता पर रखा जाए तो क्या होगा? वही ब्लॉकचैन (Blockchain) है।
अगर दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी दुसरे कोने तक पैसा आप तुरन्त और जीरो फी पर ट्रांसफर कर सकेंगे तो क्या होगा? क्रांति हो जाएगी। ब्लॉकचैन (Blockchain) वही करने जा रही है।
जिस तरह इंटरनेट न किसी देश का है और न किसी कम्पनी का उसी तरह ब्लॉकचैन (Blockchain) भी न किसी देश का रहेगा और न किसी कम्पनी का। समस्त मानवजाति का रहेगा। जिस तरह इंटरनेट अभी भी निर्माणाधीन ही है उसी तरह ब्लॉकचैन (Blockchain) बनना शुरू हो गया है और सालों दशकों तक बनता ही रहेगा।
वाक स्वतन्त्रता तो इंटरनेट से पहले भी था। लेकिन वाक स्वतन्त्रता इंटरनेट के बाद कुछ दुसरा ही मायने रखती है। उसी तरह मधेसी समुदाय के नागरिकता समस्या को महोत्तरी या धनुषा के जिल्ला कार्यालय अथवा काठमाण्डु के गृह मंत्रालय अथवा बालुवाटार के प्रधान मंत्री निवास से मुक्त किया जा सकेगा। ब्लॉकचैन (Blockchain) पर ही प्रत्येक मधेसी का ही नहीं प्रत्येक मनुष्य का राजनीतिक परिचय सुरक्षित रहेगा। उसी ब्लॉकचैन (Blockchain) पर बैंकिंग कर सकेंगे लोग। हाथ में स्मार्टफोन पर बैंक रहेगा। दिन में एक डॉलर पर दो डॉलर पर गुजारा कर रहे लोगों को बैंक लोन मिलने लगेगा ब्लॉकचैन (Blockchain) पर।
पृथ्वी के उपर हजारों सैटेलाइट घुमेंगे और धरती के कोने कोने पर इंटरनेट उपलब्ध रहेगा। किसी को भी नागरिकता पत्र से वंचित करना असंभव हो जाएगा। बैंक लोन लेने के लिए जमीन जायदाद की जरुरत नहीं पड़ेगी।