Showing posts with label Jesus. Show all posts
Showing posts with label Jesus. Show all posts

Saturday, August 26, 2017

मधेस आन्दोलनको आध्यात्मिक पक्ष






प्रमुख धर्म हरु एक अर्का सँग बाझेका छैनन। उही जानकारी बिभिन्न माध्यमले परोसिएको छ। महाभारतमा भनिएको छ, हे ब्रम्हा, तपाइँका बिभिन्न नाम मध्ये एक हो इसा। कोरान मा जीजस लाई इसा भनिएको छ। क्रिस्चियन ले भन्ने गरेको होली फादर नै विष्णु हुन। हिन्दु ले विष्णु को नाभी बाट ब्रम्हा पैदा भएको भन्छ। क्रिस्चियन ले "begotten, not made" भन्छ। अल्लाह भनेको एउटा अरबी शब्द हो। त्यसै शब्द लाई अंग्रेजी मा God भनिन्छ। अर्थात बाबरी मस्जिद मा भगवान राम कै पुजा भैरहेको थियो। मानव अवतार मा आउनु अगाडिका राम। मानव अवतार को समाप्ति पछिका राम। ईश्वर निराकार र सर्वव्यापी छन।

विष्णु को पहिलो मानव अवतार राम, दोस्रो कृष्ण। ब्रम्हा को पहिलो मानव अवतार जीजस। ईश्वर त सारा ब्रम्हाण्ड को ईश्वर हो, सिर्फ भारतवर्षको होइन। ईश्वर एक छन। पाँच अंधोले हाथी लाई छामे जस्तै बिभिन्न धर्म ले ईश्वर लाई चिन्ने प्रयास गर्दछन। ती पांचैले एक अर्का को कुरा सुने ईश्वर को अझ बढ़ी स्पष्ट चित्र आउने हुन्छ।

जीजस/येशु को जब इजराइल मा जन्म भयो त्यति बेला इजराइल रोमन साम्राज्य को अधीनस्थ थियो। रोमन हरु को बड़ो क्रुर शासन थियो। तर जीजस ले यहुदी को political liberation लाई बढ़ी महत्वपुर्ण ठानेनन। मानव रुपमा जन्मे पछि सबैभन्दा महत्वपुर्ण कुरा हो मरे पछि स्वर्ग जाने कुरा सुनिश्चित गर्नु। बाँकी सबै कुरा कम महत्वका कुरा हुन।

मधेसी लाई गार्हो छ। काठमांडुले उपनिवेश बनाएर राखेको छ। तर २,००० वर्ष अगाडि को यहुदी र आजको मधेसी का लागि सन्देश एउटै छ। समस्त मानव जाति का लागि नै सन्देश एउटै छ।  मानव रुपमा जन्मे पछि सबैभन्दा महत्वपुर्ण कुरा हो मरे पछि स्वर्ग जाने कुरा सुनिश्चित गर्नु। बाँकी सबै कुरा कम महत्वका कुरा हुन।

भन्नु को अर्थ धरती मा justice र prosperity महत्वपुर्ण कुरा होइन भन्ने होइन। तर ती लिस्ट मा सबै भन्दा माथि पर्दैनन।

यहुदी लाई chosen people भनिन्छ। ईश्वर ले म छु भनेर देखाउन का लागि त्यसरी एक जाति लाई choose गरेका हुन। बाहुन भनेको त्यस्तै chosen people हो। यहुदी जस्तो। तर बाहुन नर्क जाँदैन भन्ने होइन। कुकर्म गर्छ भने नर्क जान्छ। मानवले मानव सँग दुर्व्यवहार गर्छ भने त्यो कुकर्म हो। शोषण कुकर्म हो। जुन ईश्वर ले यहुदी लाई choose गरे त्यसै ईश्वर लाई यहुदी ले reject गर्यो। बाहुन हरुमा त्यसै किसिमको tendency देख्न सकिन्छ।

धरती मा भोग्न सकिने कुनै पनि पीड़ा नर्क को पीड़ा भन्दा निकै कम हो। त्यस अर्थमा caste system लाई बुझ्नु पर्ने हुन्छ। गीता मा भगवान कृष्ण ले भनेका छन, यो caste system मैले नै बनाएको। कस्तो भगवान? Caste system बनाइदिने! तर त्यही भगवान ले स्पष्ट सन्देश दिए, कुनै पनि जातको मानिस सँग दुर्व्यवहार नगर। त्यो सन्देश का लागि सीता मैया दोस्रो पटक वनवास गइन। उदाहरण पेश गर्न का लागि। तर बाहुन ले त्यो बुझ्न खोज्दैन। उल्टै राम त ख़राब लोग्ने भन्ने अर्थ लगाउन खोज्छ।

गीता मा भगवान कृष्ण ले भनेका छन। मैले देखाएको स्वर्ग जाने बाटो १०,००० मध्ये एकले प्रयास गर्ने छन, ती प्रयास गर्ने १०,००० मध्ये एक सफल हुनेछन। बाँकी को के हुने? हिन्दु ग्रन्थ हरुमा स्पष्ट भनिएको छ, पुनर्जन्म पछि पुनर्जन्म पछि पुनर्जन्म।


जीजस आउनु ३,००० वर्ष अगाडि नै कृष्ण ले जीजस को कुरा गरेका छन। Wisdom यहुदी बाइबल मा जीजस को नाम हो। त्यही जीजस लाई सकेसम्म थुन्छेक गर्न भारत को पनि नेपाल को पनि बाहुन तम्सिएको छ।

पहिले को जन्म का दौरान को कर्म का कारन ले कोही तल्लो जातमा जन्मेको हुन सक्छ। तर जुन सुकै जात मा जन्मे पनि जीजस को बाटो त्यो व्यक्ति स्वर्ग जान सक्छ। त्यो कुरा भगवान कृष्ण ले गीता मा भनेका छन।

Son Of God: Jesus Is Back

मधेसी को राजनीतिक अवस्था बारे के त? भगवानको सन्देश के छ? सबै कुरा को ज्ञान हुने ईश्वर, सर्वशक्तिमान ईश्वर ले भन्छन माफ़ गरिदेउ। पहाड़ी ले थिचोमिचो गर्यो? पहाड़ी लाई माफ़ गरिदेउ। आजसम्म एक पटक पनि ईश्वर ले अन्याय हुन दिएका छैनन।


Monday, December 21, 2015

धर्म निरपेक्षता मधेस के हिन्दु को खुद अपने लिए चाहिए

मधेस के हिन्दु भ्रम में हैं। कुछ सोंच रहे हैं धर्म निरपेक्षता तो आ गया है। कुछ सोंच रहे हैं चोर दरवाजे से हिन्दु राज्य कह दिया तो क्या हुवा, हम भी तो हिन्दु हैं। कौन सा दंगा फसाद हो रहा है देश में। सब मिलजुल के ही तो रह रहे हैं।

अरे कहाँ हिन्दु राज्य कहा है? हिन्दु तो हटाया है। उतने हटाने के लिए १७,००० को मार दिया। हिन्दु हटा के सनातन धर्म रखा गया है। ये Old Testament, New Testament वाली बात हो गयी।

विद्या ने जानकी मंदिर में आ के जो किया वो कोई हिन्दु कर ही नहीं सकता। वो राज सिंहासन पर बैठ गयी है। राम रूप धारण किए जो हैं वो खड़े हैं। राम को कहा जा रहा है विद्या को प्रणाम करो। ऐसा भी होता है क्या?

ओली बैठा है। उसका बाप उठ के टीका लगा रहा है। ये तो सनातनी भी नहीं हैं। देश रावण राज्य युग में पहुँच गया लगता है।

धर्म निरपेक्षता मधेस के हिन्दु को खुद अपने लिए चाहिए। ये भ्रम में न रहे कि मधेस को मुसलमान या पहाड़ के जनजाति को चाहिए। उनको भी चाहिए आप को भी।

धर्म निरपेक्षता कोई धर्म  विरोधी चीज नहीं है। सिर्फ ये कहा जा रहा है कि राज्य का धर्म से सम्बन्ध नहीं होता। कोई कहेगा संसद का अगला सत्र हम जानकी मंदिर में आ के करना चाहते हैं तो आप क्या कहेंगे? कि जानकी मंदिर के भितर राजनीति नहीं होती। संसद का मीटिंग यहाँ नहीं बुलाया जाता।

राज्य का काम है न्याय सुरक्षा, स्कुल अस्पताल आदि इत्यादि। धर्म कर्म राज्य का काम नहीं।