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Monday, November 18, 2019

ANTA (Association of Nepali Teraian in America) और MAA (Madhesi Association in America) का एकीकरण का फोर्मुला क्या हो सकता है?



ANTA (Association of Nepali Teraian in America) और MAA (Madhesi Association in America) का एकीकरण



ANTA और MAA का एकीकरण करना क्यों जरुरी है? नेपालके मधेसी भारतके गुजराती के तरह नहीं हैं। अमेरिका में मधेसी संगठन का मकसद सिर्फ सांस्कृतिक पहचान नहीं है। नहीं हो सकता। एकीकरण का जरुरत इसलिए है क्यों कि नेपाल के भितर मधेसी को अभी तक समानता नहीं मिला है। तो प्रवासी मधेसीयों का कर्तव्य बनता है कि एक जुट हो जाएँ और जो संघर्ष चल रहा है उसमें साथ दें।

कभी सीधे कभी घुमा के लोग कास्टिज्म का बात करते हैं। कास्टिज्म क्या है? कास्टिज्म है क्या? कास्टिज्म हो या कोइ भी इज्म हो। सेक्सिज्म हो। जो मधेसी किसी भी किस्म के इज्म मे विश्वास करता है या व्यवहार में व्यक्त करता है वो तो मधेसी के समानता के लड़ाई में आखिर सहभागी हो ही कैसे सकता है?

कोइ साओजी किसी ब्राह्मण पर आरोप लगावे कास्टिज्म का लेकिन वही साओजी किसी दलित को मनुष्य न समझें उसे तो hypocrite कहना पड़ेगा।

ब्राह्मण आखिर ब्राह्मण होता कैसे है? पीढ़ी दर पीढ़ी ईश्वर को पुजा करने वाले ब्राह्मण हुवे। भारतवर्ष में ब्राह्मण और उधर पश्चिम में यहुदी। वो भी डिट्टो वैसे ही हैं। A nation of priests कहलाते हैं। तो जिस ईश्वर का पुजा कर के ही आप ब्राह्मण कहलाते हैं और होते हैं उस ईश्वर का कहा तो आपको मानना होगा। भगवन श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि चाहे मनुष्य किसी भी जात का हो उससे बराबर का व्यवहार करो। उससे पहले अपने राम भगवान अवतार में ईश्वर ने एक धोबी (अर्थात दलित) का बात गलत होते हुवे भी उसकी बात मानी और सीता जी को फिर से वनवास जाना पड़ा। सिर्फ ये देखाने के लिए कि देखो धोबी से भी समान व्यवहार करो।

जो ब्राह्मण कास्टिज्म को माने वो तो ब्राह्मण हुवा ही नहीं क्यों कि वो सरासर ईश्वर के कहे बात को नकार रहा है।

वो तो हुइ शास्त्र की बात। अब संगठन की बात करें।

समानता का अर्थ होता है एक व्यक्ति एक मत। अभी तो इंटरनेट का जमाना है। तो सदस्यता आप वेबसाइट पर ले सकें ऐसा होना चाहिए। मीटिंग आप भ्वाइस और वीडियो चैट से अटेंड कर सके ऐसा होना चाहिए। मतदान बिलकुल ऑनलाइन होना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपना मत दे सकें। वोटिंग एक हप्ता तक खोल दिजिए। और महिला को प्रत्येक तह पर एक तिहाई आरक्षण।

अभी अभी ANTA का चुनाव हुवा है। एक महिला अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हो के आइ हैं। मैं प्रोपोज़ करता हुँ उन्हें एकीकृत संगठन का पहला अध्यक्ष बनाया जाए।

संगठन का नाम हो सकता है Madhesi Association.

Book-Keeping या तो १००% पारदर्शी रखा जाए और ऑनलाइन वेबसाइट पर रख दिया जाए। या वो ज्यादा हो गया तो केन्द्रीय समिति तक १००% पारदर्शी रखा जाए।

एक Board Of Trustees हो सकता है। जिन लोगों ने संगठन बहुत योगदान दिया हो। जैसे कि अन्नपुर्ण देओ। She was active in Nepali organizations in the US before any other Madhesi. At least that is my knowledge. रतन झा। विनोद शाह। सुनील साह।  टर्म: ६ साल, ६ साल, ४ साल, ४ साल। चारो में से किसी का टर्म समाप्त होने के बाद उस वक्त जो निर्वाचित अध्यक्ष रहेंगे वो अपने केन्द्रीय समिति से परामर्श करके ४ साल के लिए किसी व्यक्ति को चुन सकते हैं। That is to say, the elected president is the top person in the organizaton.

एक एडवाइजरी बोर्ड बनाया जा सकता है। लगभग ११ लोगों का। निर्वाचित अध्यक्ष के साथ आएंगे और जाएंगे।

सभी पदाधिकारी निर्वाचित। सभी केन्द्रीय समिति के सदस्य निर्वाचित।

अमेरिका के भितर एकीकरण किया जाए। उसके बाद दुनिया भर में। सबका नाम Madhesi Association.

प्रेसिडेंट।
Two Vice Presidents, one of whom must be a woman.
One third of the officers must be women.
One third of the central committee, all elected, must be women. As in only women can be candidates.


अगले गर्मी तक एकीकरण महाधिवेशन करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ा जा सकता है। 

Sunday, September 29, 2019

Upendra Yadav In New York

ANTA (Association of Nepali Teraian in America) और MAA (Madhesi Association in America) का एकीकरण
Upendra Yadav In New York (Photo Album)





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Rajendra Mahto In New York



ANTA (Association of Nepali Teraian in America) और MAA (Madhesi Association in America) का एकीकरण



ANTA (Association of Nepali Teraian in America) और MAA (Madhesi Association in America) का एकीकरण आवश्यक है कि नहीं? होना चाहिए कि नहीं? होना चाहिए तो क्यों? संभव है कि नहीं? किया जाए तो कैसे? कल के बाद ये सब प्रश्न सामने आए है।

कल उपेन्द्र यादव कहने लगे आप लोग हम लोगो को कहते हैं एकीकरण करिए लेकिन खुद यहाँ दो बन के बैठे हुवे हैं। तो उनका कहना भी ठीक ही है। कल काफी अरसे के बाद मेरी रतन झा से मुलाकात हुवी। तो मैंने ये प्रश्न उनको डाला। उनका जवाव सकारात्मक रहा।

मैं न्यु यॉर्क में सन २००५ में आया। रतन झा के नेतृत्व में उधर कहीं ANTA का स्थापना हुवा। तो उन्होंने मुझे ईमेल किया। आप वहाँ चैप्टर गठन करिए अपने नेतृत्व में। मैं प्रेसिडेंट हुँ, आप वाइस प्रेसिडेंट बनिए। उन्होंने मुझे इसलिए कॉन्टैक्ट किया क्यों कि उस समय मेरे अलावा और किसी मधेसी को पहचानते ही नहीं थे न्यु यॉर्क में। वैसे भी मधेसी उस समय न्यु यॉर्क में थे ही बहुत कम। अभी तो संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गयी है।

उस समय मैं सारे अमेरिका में अकेला नेपाली था जो नेपालके लोकतान्त्रिक आन्दोलन के लिए फुल टाइम काम कर रहा था। Basically days, nights, weekends. मैंने जवाब में कहा देखिए, संगठन के प्रस्तावना में लिखा है गैर राजनीतिक संगठन और मैं अभी हार्ड कोर पोलिटिकल काम कर रहा हुँ। मैं पद तो नहीं लुंगा लेकिन ANTA बहुत अच्छा आईडिया है। इसका न्यु यॉर्क में चैप्टर होना चाहिए। और उतना मैं कर दुँगा। पहले तो मैंने विनोद जी को एप्रोच किया। उन्होंने कहा ना। तब मैंने डॉ बिनय शाह के नेतृत्व में समिति गठन किया। पहला मीटिंग हुवा रिजवुड में सतेंद्रजी के अपार्टमेंट में। मैंने तभी के नेपाली मन्दिर में एक मधेसी मिटिंग किया। पाँच लोग आए। सत्य यादव कहने लगे "न्यु यॉर्क में मधेसी सब के ग्यादरिंग (gathering) कहियो भेले नै छलैय।" कुछ समय बाद बिनोदजी के कजन पबन मुझे और बिनयजी को विनोद जी के यहाँ ले गए अपने गाडी में बिठा के। अब विनोद जी इंटरेस्ट दिखाने लगे। मैंने कहा देखिए, अब बिनय को हटाया जाए वो तो अपमान होगा। पहले तो आप ही को कहा था। तो फिर? तो कहते हैं ईमेल से कहा था, ऐसे आमने सामने बैठ के थोड़े कहा था! तो मैंने कहा, आप केंद्रीय समिति में आइए। ANTA का न्यु यॉर्क में पहला बड़ा कार्यक्रम हुवा सन २००६ के ANA सम्मलेन के साथ साथ। उसके बाद वो केंद्रीय समिति में आए भी। संस्थापक अध्यक्ष रतनजी। और एक किसिमका संस्थापक मैं विनोदजी को भी मानता हुँ। कुछ साल बाद वो जब अध्यक्ष बने तो ANTA का बहुत ज्यादा संगठन विस्तार हुवा।

सुनील मेरा भान्जा है। उसको मैंने बचपन में देखा है। महोत्तरी जिला बनचौरि गाओं में। उसका ममहरा। मेरे दादाजी के सहोदर भाई (जो कि पहलवान थे) की एकलौती बेटी सुनील जी की नानी हुइ। बनचौरि गाओं में बचपन में देखने के बाद मैंने लम्बे गैप के बाद उनको देखा जैक्सन हाइट्स में जब उपेन्द्र यादव का कार्यक्रम हुवा जैक्सन हाइट्स में याक में। मैंने एक ही बार में पहचान लिया। सुनील जी की नानी की माँ, यानि की मेरी दादी मेरे को अक्सर कहा करती थी: "तोहर हम गैरतर खिचने छियौ!"

मेरे काठमाण्डु के हाई स्कुल के अंतिम साल के रूम मेट का भाई अमन मल्ल। कुछ महिने पहले मैंने देखा सुनील और अमन साथ में बैठे हैं। फेसबुक पर फोटो देखा। पता चला दोनों बंगलादेश में साथ पढ़े।

तो सुनील ने तो मिशाल कायम कर दिया। एक मधेसी आज सारे अमेरिका के NRN संगठन का निर्वाचित अध्यक्ष है। जब कि इस देश के नेपाली जनसंख्या में मधेसी शायद १% भी है कि नहीं। सुनील ने अमेरिका के NRN संगठन का निर्वाचित अध्यक्ष बन के नेपाल में भी अब मधेसी प्रधान मंत्री कोइ बने वो मार्ग प्रशस्त किया है।

मैं कुछ साल पहले कुछ साल के लिए कैलिफ़ोर्निया गया। वापस लौटा तो ANTA संगठन फुट चुकी थी और MAA संगठन पैदा हो गयी थी।

मैंने पिछले साल पहली बार किसी नेपाली संगठन का सदस्यता लिया। ताकि सुनील को वोट दे सकुं। नहीं तो मैंने ANTA का कभी सदस्यता नहीं लिया और MAA का भी औपचारिक रूप से सदस्य नहीं हुँ। मेरा जो डिजिटल एक्टिविज्म था उसके लिए वो तटस्थता जरुरी था। हॉन्ग कॉन्ग में देखिए। काठमाण्डु में जो २००६ में १९ दिन हुवा वो हॉन्ग कॉन्ग में चार महिना से हो रहा है। लेकिन वहाँ कोइ डिजिटल एक्टिविस्ट नहीं है जो कि कदम कदम पर forceful calls for action जारी करता रहे। मुवमेंट अपना पाँच लक्ष्य पुरा करता नहीं दिखती।

कभी कभी संगठन फुटना भी संगठन विस्तार के लिए अच्छा हो जाता है। जब चीन में माओ ने पार्टी शुरू किया तो पहली बार न चाहते हुवे उसने अपने पार्टी के केन्द्रीय समिति से ५०% लोगों को निष्काषित किया। लेकिन उसके बाद उसको आश्चर्य हुवा कि बजाय पार्टी का साइज़ आधा होने के दोगुणा हो गया। तो उसके बाद वो कुछ कुछ साल बाद बराबर पार्टी केन्द्रीय समिति से ५०% लोगों को निष्काषित करने लगा। जब भी संगठन को बड़ा बनाना हो।

सुनील नेविसंघ पृष्ठभुमि से हैं। उनके वर्तमान निर्वाचित पद के लिए उस पृष्ठभुमि ने बड़ा काम किया है। अमेरिका के नेपाली अधिकांश काँग्रेस पृष्ठभुमि से हैं। कमसेकम थे १०-१५ साल पहले। लेकिन नेविसंघ पृष्ठभुमि से तो बहुत हैं। सुनील की अपनी प्रतिभा है।

जभी ANTA में कोइ टेंशन न था तब भी मैं कहता था, इतने सारे पहाड़ी संगठन हैं, मधेसी संगठन भी दो चार हो जाए तो क्या फर्क पड़ता है?

अंतरिम संविधान के बाद पहली संविधान सभा से जो उम्मीद थी ---- सब कुछ मिल गया था सिर्फ एक मधेस दो प्रदेश मिलना बाँकी था। वो हो जाता तो, सच्चा संघीयता आ जाता तो फिर १०-२० मधेसी संगठन हो अमेरिका में उससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। लेकिन मधेस आंदोलन जनकपुर जयनगर रेलवे है तो वो अभी जयनगर नहीं पहुँच पायी है। परवाहा या खजुरी तक ही पहुँची है।

इसिलिए मेरा मानना है कि ANTA (Association of Nepali Teraian in America) और MAA (Madhesi Association in America) का एकीकरण होना बहुत जरुरी है। क्यों कि ट्रेन को जयनगर पहुँचाना अभी बाँकी है।

संगठन एक होने का तरिका है लोकतान्त्रिक प्रक्रिया को कस के संस्थागत किजिए।

रतन झा ANTA के संस्थापक अध्यक्ष, विनोद साह ANTA के प्रमुख संगठन विस्तारक (वल्लभ भाइ पटेल), और MAA के संस्थापक अध्यक्ष सुनील साह। ये तीनों Board Of Trustees के सदस्य रहेंगे। ये मेरा सुझाव है। कल अगर सुनील को NRN का ग्लोबल अध्यक्ष बनना है तो उसमें रतनजी बहुत अच्छा रोल अदा करने के स्थिति में हैं। NRN मुवमेंट के संस्थापक अध्यक्ष उपेन्द्र महतो (जो कि मेरे बहुत दुर के रिश्ते में भी पड़ते हैं, मेरे पड़ते हैं तो स्वाभाविक सुनील के भी पड़ते हैं) के अमेरिका में रतनजी  शुरू से ही खास आदमी रहे हैं।

अमेरिका में सिर्फ ANTA (Association of Nepali Teraian in America) और MAA (Madhesi Association in America) नहीं हैं। छोटेमोटे कर के १० होंगे संगठन। सभी का एकीकरण किया जाए। तीन लोगों का Board Of Trustees, नाम शायद AMA हो जाए। Association of Madhesi in America. दोनों के अध्यक्ष महाधिवेशन तक सह अध्यक्ष हो जायें। एकीकरण कोइ ऐसे शहर में किया जाए जहाँ मधेसीयों का संख्या सब से ज्यादा हो। शायद न्यु यॉर्क।

और ऑनलाइन वोटिंग का व्यवस्था हो।

कुछ ऐसा पहलकदमी किया जाए ये मेरा सुझाव है।

कल उपेन्द्र यादव जी का एक कार्यक्रम MAA के साथ रहा और एक ANTA के साथ। मैं दोनों में गया।