English: Narendra Modi in Press Conference (Photo credit: Wikipedia) |
ये कहना कि व्यस्ततावश उन्होने जनकपुर और लुम्बिनी भ्रमण कैंसिल कर दिया --- ये कूटनीतिक भाषाको न समझना है। वो कैंसिल करने का निर्णय उन्होने एक मिनट में लिया, क्यों कि उनके पास उस के लिए उससे ज्यादा समय है ही नहीं। और एक बार निर्णय कर लेने के बाद फिर से उस निर्णयको revisit करने का समय उनके पास नहीं है।
मोदीने एक मिनट में लिया निर्णय। उनको जनकपुरमें आम जनताको सम्बोधन करना था। तीव्र इच्छा थी। प्रोग्राम schedule पर एक निगाह दिया। देखा आम सभा सम्बोधन प्रोग्राम में है ही नहीं। तो उन्होने जनकपुर जानेका प्रोग्राम कैंसिल कर दिया। खिसा खतम।
जनकपुर नगरीके इतिहासमें टीकमगढ़की महारानीने अपने गलेका नौ लाखका हार उतार कर जो दे दिया और जानकी मन्दिर बनी, वो बेमिसाल है। लेकिन मोदी उससे भी आगे जाने वाले थे। ५०० करोड़का पैकेज तैयार था। जनकपुर नगरीका कायापलट होना था। टीकमगढ़की महारानीसे भी तीन कदम आगे चल्ने वाले थे मोदी।
उस सब पर वामदेवने और काठमाण्डु के शासक वर्गने पानी फेर दिया। कितना गहरा है उन लोगो का घृणा! खुद तो कुछ करते नहीं हैं, मधेसीका पैसा ले जाते हैं लेकिन मधेसीको बजट में जगह नहीं देते हैं। और मोदी जैसे लोग उपहार ले कर आते हैं तो उसमें भी रोड़ा डाल देते हैं। वामदेवको माँ जानकीका श्राप लगेगी। वो तो सीधा नरक जायेगा बन्दा।
मोदी grassroots से उपर आए लोग हैं। उनको ये समझने में ज्यादा कठिनाइ नहीं होगी। ब्रिटिश साम्राज्यसे भारत तो मुक्त हो गया लेकिन मधेश अभी तक उस श्राप से मुक्त नहीं हो पाया है।
मोदी के प्रति मधेश के जनता में एक क्रेज है
Rakesh Sood
सुशील-वामदेव: खतरनाक कि निकम्मा?
सुशील-वामदेवको सरकार निकम्मा भएकोले मोदी जनकपुर नआएको
उल्लु स्वाँठ वामदेव
केपी ओली प्रधान मंत्री बन्न शारीरिक रुपले असक्षम, वामदेव मानसिक रुपले
बारह बिघा मैदान टुडिखेल भन्दा बारह गुणा ठुलो हो
आप भारतीय नहीं हैं तो नहीं हैं, मैं तो हुँ
वामदेवको बदमाशीले जनकपुरलाई ५०० करोड़को घाटा
मोदी जनताको छोरो आम जनतालाई सम्बोधन गर्न चाहन्छ
मोदीको भ्रमण रद्द गर्नु
फिजीके इंडियन और नेपालके इंडियन