Friday, March 14, 2025

क्या कोई देश यह अंतिम छलांग ले सकता है?

अध्याय 11: क्या कोई देश यह अंतिम छलांग ले सकता है?

चीन, स्वीडन, और भारत के उदाहरण

पूरी तरह से डिजिटल और कैशलेस अर्थव्यवस्था में परिवर्तन करने के लिए कुछ देशों ने अग्रणी कदम उठाए हैं। चीन, स्वीडन, और भारत ऐसे प्रमुख उदाहरण हैं, जहाँ डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

चीन: डिजिटल युआन और भुगतान क्रांति

चीन ने डिजिटल करेंसी और कैशलेस लेनदेन की ओर तेज़ी से कदम बढ़ाया है।

  1. अलीपे और वीचैट पे का प्रभुत्व - चीन में अधिकतर लेनदेन डिजिटल वॉलेट्स के माध्यम से किए जाते हैं।
  2. डिजिटल युआन (CBDC) का विकास - चीन अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश है, जिससे कैशलेस अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।
  3. नकद लेनदेन में भारी गिरावट - शहरी क्षेत्रों में अधिकांश व्यवसाय केवल डिजिटल भुगतान स्वीकार करते हैं।

स्वीडन: दुनिया की सबसे कैशलेस अर्थव्यवस्था?

स्वीडन डिजिटल भुगतान को अपनाने में सबसे आगे है।

  1. स्विश (Swish) ऐप की लोकप्रियता - सरकार समर्थित मोबाइल भुगतान प्रणाली, जो डिजिटल भुगतान को आसान बनाती है।
  2. बैंकों द्वारा नकद सेवाएँ सीमित करना - अधिकांश बैंक नकद लेनदेन को हतोत्साहित कर रहे हैं।
  3. सरकारी और निजी क्षेत्र का सहयोग - स्वीडन की सरकार और वित्तीय संस्थाएँ मिलकर डिजिटल संक्रमण को आसान बना रही हैं।

भारत: यूपीआई क्रांति और डिजिटल समावेशन

भारत ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं।

  1. यूपीआई (UPI) का उभरता प्रभुत्व - यह सबसे तेजी से बढ़ती भुगतान प्रणाली बन गई है।
  2. नोटबंदी और डिजिटल परिवर्तन - 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान में तेजी आई।
  3. जन धन योजना और वित्तीय समावेशन - डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को गरीबों तक पहुँचाने के लिए सरकारी पहल।

राजनीतिक इच्छाशक्ति और जनता का विश्वास

कोई भी देश यदि पूरी तरह से डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाना चाहता है, तो उसके लिए राजनीतिक नेतृत्व और जनता का समर्थन आवश्यक है।

राजनीतिक इच्छाशक्ति के आवश्यक तत्व:

  1. मजबूत नियामक ढाँचा - डिजिटल वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए प्रभावी कानून आवश्यक हैं।
  2. तकनीकी निवेश - साइबर सुरक्षा, डिजिटल अवसंरचना और सुरक्षित भुगतान प्रणालियों में निवेश करना होगा।
  3. नकदी पर निर्भरता कम करने की रणनीति - नकदी उपयोग को हतोत्साहित करने और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी नीति बनाई जानी चाहिए।

जनता का विश्वास कैसे बढ़ाया जाए?

  1. साइबर सुरक्षा में सुधार - डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं।
  2. डिजिटल साक्षरता अभियान - डिजिटल भुगतान के लाभों और उपयोग के बारे में जनता को शिक्षित करना।
  3. कम लागत और सुलभता - डिजिटल भुगतान को सरल और सस्ता बनाया जाना चाहिए ताकि हर वर्ग इसे अपना सके।

चरणबद्ध परिवर्तन के लिए संभावित रोडमैप

कोई भी देश डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर अंतिम छलांग एक क्रमिक और सुविचारित योजना के माध्यम से ही ले सकता है।

संभावित रोडमैप:

  1. प्रारंभिक चरण:

    • डिजिटल भुगतान प्रणाली को विकसित करना और नागरिकों को डिजिटल बैंकिंग से जोड़ना।
    • सरकारी सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल बनाना।
    • डिजिटल लेनदेन के लिए आकर्षक प्रोत्साहन देना।
  2. मध्यवर्ती चरण:

    • निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को अनिवार्य करना।
    • सभी वित्तीय संस्थानों को पूरी तरह से डिजिटल सेवाओं के लिए तैयार करना।
    • नकद उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए कर नीतियों में बदलाव।
  3. पूर्ण संक्रमण चरण:

    • पूरी तरह से कैशलेस अर्थव्यवस्था लागू करना।
    • डिजिटल करेंसी को एकमात्र आधिकारिक मुद्रा के रूप में स्वीकार करना।
    • साइबर सुरक्षा और वित्तीय समावेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देना।

निष्कर्ष

चीन, स्वीडन और भारत के उदाहरण यह दर्शाते हैं कि पूरी तरह से डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना संभव है, लेकिन इसके लिए सरकारों को दूरदर्शी नीतियाँ अपनानी होंगी। डिजिटल संक्रमण के लिए जनता का विश्वास और राजनीतिक इच्छाशक्ति दोनों आवश्यक हैं। चरणबद्ध परिवर्तन के माध्यम से, कोई भी देश इस अंतिम छलांग को सफलतापूर्वक ले सकता है और एक नई डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो सकता है।

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