अध्याय 8: भ्रष्टाचार और वित्तीय रिसाव की समाप्ति
भ्रष्टाचार की समस्या और कैशलेस अर्थव्यवस्था में इसका समाधान
भ्रष्टाचार वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है, जिससे आर्थिक विकास बाधित होता है और सामाजिक असमानता बढ़ती है। पारंपरिक नकदी आधारित अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार को रोकना कठिन होता है क्योंकि नकद लेनदेन का कोई डिजिटल रिकॉर्ड नहीं होता। इसके विपरीत, कैशलेस अर्थव्यवस्था भ्रष्टाचार को कम करने और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक प्रभावी समाधान हो सकती है।
कैशलेस अर्थव्यवस्था से भ्रष्टाचार कम करने के तरीके:
- डिजिटल भुगतान प्रणाली का विस्तार: सभी वित्तीय लेनदेन को डिजिटल माध्यम से करने से हर ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड रखा जा सकता है।
- ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ावा: सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने से रिश्वतखोरी की संभावना कम होती है।
- ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग: ब्लॉकचेन आधारित ट्रांजेक्शन अपरिवर्तनीय होते हैं, जिससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ती है।
- स्वचालित कर संग्रह प्रणाली: स्वचालित कर प्रणाली से कर चोरी और काले धन के निर्माण पर रोक लगाई जा सकती है।
वित्तीय पारदर्शिता और ट्रैकिंग के लाभ
वित्तीय पारदर्शिता किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। डिजिटल भुगतान प्रणाली और उन्नत तकनीकों का उपयोग करके वित्तीय प्रवाह को प्रभावी रूप से ट्रैक किया जा सकता है।
वित्तीय पारदर्शिता के प्रमुख लाभ:
- भ्रष्टाचार पर नियंत्रण: प्रत्येक लेनदेन का डिजिटल रिकॉर्ड होने से धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है।
- सरकारी निधियों की निगरानी: सरकारी फंडिंग और व्यय को सार्वजनिक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराकर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती है।
- कुशल कर संग्रह प्रणाली: डिजिटल ट्रैकिंग से कर चोरी को रोककर सरकार का राजस्व बढ़ाया जा सकता है।
- वित्तीय समावेशन: डिजिटल भुगतान प्रणाली से सभी वर्गों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच मिलती है।
- नीति निर्माण में सुधार: डेटा-संचालित नीति निर्माण से सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
डिजिटल लेनदेन के माध्यम से सरकारी नीति सुधार
डिजिटल भुगतान प्रणाली और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से सरकारी नीतियों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकता है।
सरकारी नीति सुधार के प्रमुख पहलू:
- सार्वजनिक सेवाओं का डिजिटलीकरण: शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं को डिजिटल माध्यमों से वितरित किया जा सकता है।
- डिजिटल कराधान प्रणाली: स्वचालित कर संग्रह प्रणाली से भ्रष्टाचार और कर चोरी को समाप्त किया जा सकता है।
- ई-निविदा प्रणाली: सरकारी अनुबंधों और निविदाओं को ऑनलाइन पारदर्शी तरीके से जारी किया जा सकता है।
- स्मार्ट कार्ड आधारित सब्सिडी वितरण: सब्सिडी और वित्तीय सहायता को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जा सकता है।
- डिजिटल निगरानी तंत्र: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग कर सरकारी वित्तीय प्रवाह की निगरानी की जा सकती है।
निष्कर्ष
भ्रष्टाचार और वित्तीय रिसाव को समाप्त करने के लिए कैशलेस अर्थव्यवस्था और डिजिटल लेनदेन प्रणाली को बढ़ावा देना आवश्यक है। डिजिटल वित्तीय पारदर्शिता से न केवल सरकारी सेवाओं की दक्षता बढ़ेगी, बल्कि भ्रष्टाचार और कर चोरी को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। यदि सरकारें उन्नत तकनीकों को अपनाकर पारदर्शी नीति निर्माण करें, तो आर्थिक विकास को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है।
No comments:
Post a Comment