Saturday, February 22, 2025

कल्कीइज़्म रिसर्च सेंटर का दृष्टिकोण

अध्याय 2: कल्कीइज़्म रिसर्च सेंटर का दृष्टिकोण

काठमांडू स्थित थिंक टैंक का परिचय

कल्कीइज़्म रिसर्च सेंटर एक प्रतिष्ठित थिंक टैंक है, जो नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है। यह केंद्र वैश्विक आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी परिवर्तनों का विश्लेषण करने के लिए समर्पित है। इसकी स्थापना 21वीं सदी की जटिल आर्थिक चुनौतियों से निपटने और नवाचार-आधारित समाधानों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत अनुसंधान करना और सरकारों, कॉरपोरेट संस्थाओं और समाज को डिजिटल बदलाव अपनाने के लिए मार्गदर्शन देना है। विशेष रूप से, यह केंद्र कैशलेस अर्थव्यवस्था की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

थिंक टैंक का कार्यक्षेत्र

  • डिजिटल वित्तीय समावेशन
  • नवाचार और प्रौद्योगिकी नीति
  • आर्थिक सुधार और भविष्य की अर्थव्यवस्था
  • पर्यावरणीय स्थिरता और स्मार्ट शहरीकरण
  • शिक्षा और आर्थिक जागरूकता अभियान

उनकी आर्थिक अवधारणाएँ और 100% कैशलेस अर्थव्यवस्था का प्रस्ताव

कल्कीइज़्म रिसर्च सेंटर का मानना है कि 100% कैशलेस अर्थव्यवस्था आर्थिक पारदर्शिता को बढ़ाने, भ्रष्टाचार को कम करने, और आधुनिक आर्थिक प्रणाली को अपनाने में सहायक हो सकती है। यह डिजिटल वित्तीय सेवाओं के माध्यम से सभी लोगों को जोड़ने की वकालत करता है ताकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक गतिविधियों से बाहर न रह जाए।

मुख्य आर्थिक सिद्धांत:

  1. डिजिटल वित्तीय समावेशन – प्रत्येक व्यक्ति तक डिजिटल बैंकिंग सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।
  2. आर्थिक दक्षता – नकद लेनदेन में लगने वाले समय और संसाधनों की बचत।
  3. भ्रष्टाचार में कमी – डिजिटल लेनदेन से सभी वित्तीय गतिविधियों का रिकॉर्ड उपलब्ध रहना।
  4. वैश्विक आर्थिक एकीकरण – डिजिटल अर्थव्यवस्था के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना।

100% कैशलेस अर्थव्यवस्था का प्रस्ताव

इस केंद्र ने 100% कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में एक व्यापक रणनीति प्रस्तुत की है, जिसमें सरकारी नीतियों, निजी क्षेत्र की भागीदारी, तकनीकी नवाचार और जनता की भागीदारी को ध्यान में रखा गया है। यह सुझाव देता है कि नकदी के प्रयोग को चरणबद्ध तरीके से कम किया जाए और डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूत किया जाए।

प्रस्तावित चार प्रमुख स्तंभों की रूपरेखा

कल्कीइज़्म रिसर्च सेंटर ने 100% कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए चार प्रमुख स्तंभ प्रस्तावित किए हैं:

1. डिजिटल भुगतान अवसंरचना का विकास

डिजिटल भुगतान प्रणाली को प्रभावी और सर्वसुलभ बनाने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर कार्य करना होगा। इसके तहत:

  • मजबूत इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क का विस्तार।
  • सुरक्षित और सुविधाजनक डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों का निर्माण।
  • सभी व्यापारिक संस्थाओं और सेवाओं में डिजिटल भुगतान को अनिवार्य बनाना।

2. वित्तीय साक्षरता और डिजिटल समावेशन

एक सफल कैशलेस समाज के लिए नागरिकों को डिजिटल वित्तीय प्रणाली के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है। इसके तहत:

  • स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल वित्तीय शिक्षा को शामिल करना।
  • ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को समझाने के लिए अभियान चलाना।
  • बुजुर्गों और अल्पशिक्षित वर्गों को डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण देना।

3. साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण

डिजिटल वित्तीय प्रणाली में विश्वास बनाए रखने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा नीतियों की आवश्यकता है। इसके तहत:

  • साइबर धोखाधड़ी और डेटा चोरी को रोकने के लिए कठोर कानून लागू करना।
  • वित्तीय सेवा प्रदाताओं को उन्नत सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • उपयोगकर्ताओं को साइबर सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक बनाना।

4. नीति और विधायी सुधार

सरकार को कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सशक्त नीतियाँ बनानी होंगी। इसके तहत:

  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन देना।
  • नकदी-आधारित लेनदेन को सीमित करने के लिए नए नियम लागू करना।
  • वित्तीय संस्थानों को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करना।

निष्कर्ष

कल्कीइज़्म रिसर्च सेंटर का दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि 100% कैशलेस अर्थव्यवस्था केवल एक कल्पना नहीं, बल्कि एक वास्तविकता बन सकती है यदि सही रणनीति अपनाई जाए। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, वित्तीय साक्षरता में सुधार करने, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने, और सरकारी नीतियों को प्रभावी बनाने से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

हालांकि, इसके लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता होगी ताकि कोई भी व्यक्ति या वर्ग इससे वंचित न रहे। डिजिटल समावेशन के माध्यम से, यह संभव हो सकता है कि भविष्य में एक अधिक पारदर्शी, सुलभ और सुरक्षित आर्थिक प्रणाली का निर्माण किया जाए।

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