Sunday, October 13, 2024

मैंने एक पुस्तक पर काम शुरू किया है: आत्म जीवनी

मैंने एक पुस्तक पर काम शुरू किया है। मेरी अपनी जीवन कहानी। आत्म जीवनी। ऑटोबायोग्राफी। महिनों लगेंगे। कोइ जल्दबाजी भी नहीं। और मैंने सोंचा क्यों न किताब लिखने से पहले और किताब लिखते लिखते इसकी मार्केटिंग भी कर ही लेते हैं। 

तो मैं किताब लिखुँगा भी और उसके बारे में वीडियो ब्लॉग्गिंग करता चला जाउँगा। किताब जब आएगी तब तक में शायद एक ऑडियंस बन जाए जो किताब खरिदे। 

My Political Journey: An Autobiography

भुगोल का महत्व मैं देख रहा हुँ। मेरा गाओं जो जनकपुरधाम के पास ही है। उसके बाद मेरा गृहनगर: जनकपुरधाम। उसके बाद मेरा स्कुल। काठमाण्डु का बुढानीलकण्ठ स्कुल। उसके बाद काठमाण्डु। हाइ स्कुल और कॉलेज के बीच कुछ साल मैं काठमाण्डु रहा। न रहता तो उसके लगभग एक दशक बाद सारे अमेरिका का अकेला नेपाली न बनता जिसने सन २००५ और २००६ में नेपाल के लोकतान्त्रिक आन्दोलन के लिए फुल टाइम काम किया। 

अमेरिका के केंटकी राज्य में कॉलेज किया। जब ९/११ हुवा उसके बाद ऑन एंड ऑफ दो साल १८ चक्का वाले ट्रक में अमेरिका के ४८ राज्य पहुँचे। 

सन २००५ के मध्य में न्यु यॉर्क आ गया। पहले नेपाल का लोकतान्त्रिक आंदोलन। उसके बाद मधेसी क्रांति। न्यु यॉर्क शहर का बराक ओबामा का पहला फुल टाइम वालंटियर। न्यु यॉर्क शहर में १० साल रहा मैं। 

सन २०१६ विशेष है। उसके बारे में विस्तार से बात करेंगे। डेढ़ साल कैलिफ़ोर्निया रहा। उसके बाद न्यु यॉर्क हडसन वैली। 

भगवान कल्कि पर पहली बार नजर पड़ी सन २०१९ में। उसके कुछ साल बाद उन्होंने मुझे अपना परिचय दिया। फोन पर सिर्फ १० मिनट लगे मेरे को बात समझने में। पहले टेक्स्ट मेसेज पर लिख के कहा। तो मैंने तुरन्त उन्हें कहा: "देखिए, आपको ऐसे नहीं बोलना चाहिए। ये बहुत बड़ा पाप माना जाता है। ऐसी बात मजाक में भी मत बोलिए।" उन्होंने तुरन्त फोन उठाया और १० मिनट में दुध का दुध और पानी का पानी कर दिया। 

मैं उनका पहला भक्त हुँ। उनके कलि युग समाप्ति के प्रोजेक्ट में मेरे को पुरा सहयोग करना है। 

इंटरनेट पर दशकों से मैं ब्लॉग्गिंग कर रहा हुँ। १०,००० से ज्यादा ब्लॉग पोस्ट हैं मेरे। दुनिया भर के समस्यायों से मैं जुझता रहा हुँ। नेपाल का समस्या। भारत का समस्या। अमेरिका का समस्या। दुनिया भर का समस्या। राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक समस्या। बिजनेस का समस्या। छोटा समस्या, बड़ा समस्या। 

और उन समस्त समस्यायों का समाधान मुझे मिल जाता है। कहाँ? तो भगवान कल्कि द्वारा लिखित पुस्तक कल्किवादी घोषणापत्र में। इस सारी जीवन में मैंने जिस चीज को कदम कदम पर ढूँढा है वो हमें मिल जाता है। कहाँ? तो कल्किवादी घोषणापत्र में। 

उस कल्किवादी घोषणापत्र को पहले नेपाल में लागु करने होंगे। पायलट प्रोजेक्ट की तरह। ताकि सारी दुनिया देख सके। कि ये सिर्फ एक अच्छा आईडिया नहीं है, इसे लागु भी किया जा सकता है। 

मेरे इस पुस्तक लेखन का मकसद है इस प्रोजेक्ट के लिए सहयोग और समर्थन जुटाना। कहानियों का बहुत महत्व होता है उसमें। 


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