Saturday, March 05, 2022

जनता को गुलामी का एहसास कराओ

लिंकन के समय में एक था 
गुलामों को चोरी चोरी मुक्त कराता था 
उसको बधाई दिया लोगों ने 
तो उसने कहा मैं हजारों औरो को मुक्त करा देता 
यदि उन्हें पता होता वो गुलाम हैं 

गुलामी गयी नहीं 
राजा गया ढेर सारे नवराजा उनके जगह पर आ गए 
कहते हैं जनता मुर्ख है 
मुर्खो पर शासन नहीं करेंगे तो क्या करेंगे 
तानाशाही लाद दिया 
राणा शासन गया नहीं 
राजा शासन गया नहीं 
गुलामी बरक़रार है 

जनता का पैसा चुरा के 
जनता पर ही राज करते हैं 
चुनाव तो पुतिन भी कराता है 
लेकिन दुनिया का एक नम्बर का तानाशाह है 
देउबा पुतिन नहीं तो और क्या है? 
देश कभी राजा को सौंप देता है कभी राणा को 

जनता बोल नहीं सकती 
जनता विरोध नहीं कर सकती 
जनता प्रश्न नहीं कर सकती 

देश का प्रधान न्यायधीश वादी प्रतिवादी 
दोनों से घुस लेता हो उस देश में न्याय का क्या हो?
भ्रष्टाचार नियंत्रण के जिम्मेवारी वाला सरकारी निकाय के प्रमुख के 
घर पर सोने का टोइलेट हो, उस देश का क्या हो? 
तीन साल में समाप्त हो जानेवाली मेलम्ची 
३० साल लगाते हैं और काठमाण्डु में 
सैकड़ों बंगले खड़े किए जाते हैं 
उस देश का क्या हो?

कदम कदम पर भ्रष्टाचार 
गरीबी का कारण तो वो चोरी है 

जनता को गुलामी का एहसास कराओ
जो जनता अपना पैसा का हिसाबकिताब न माँग सके 
वो जनता अभी भी गुलाम है 






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