क्रांति के समय में क्रांतिकारी रफ़्तार में संगठन विस्तार होता है। जल्दी जल्दी। फटाफट फटाफट। ७७ जिले तक जाना होगा। काठमाण्डु टोल टोल में जाना होगा। सिंह दरबार घेरने का काम बाँकी होगा। क्रांति का उत्कर्ष तो वही होगा। स्थानीय लोग करेंगे।
एक प्रवास जनमत संघ भी चाहिए। पाँच लाख उस में भी।
सब डिजिटल।
यानि कि सात महिने में सदस्य संख्या बढ़ के सात से २७ लाख हो जाने चाहिए। आसान है। प्रत्येक सदस्य चार और लोगों को पकड़े। बाँह पकड़ के सदस्य बनाइए।
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