किसान आन्दोलन के माँगो को लेकर मंत्रीमंडल स्तर पर वार्ता हो के समाधान निकाला जाए। आन्दोलन संगठन विस्तार का अच्छा मौका होता है। पार्टी के आम सदस्य और कार्यकर्ता का प्रशिक्षण। नए नए जिलों तक संगठन को ले जाना। ये तो किसान आन्दोलन है। किसान तो पहाड़ में भी रहते हैं।
लेकिन आन्दोलन के राजनीति में २० दिन बहुत लम्बा समय होता है। २० दिन में क्या होगा अभी नहीं कहा जा सकता। ये आन्दोलन मधेस से उठ के काठमाण्डु के सडको तक अगर पहुँचती है तो बात कुछ और होगी। आन्दोलन को मधेस में ही सीमित रख के सरकार नहीं गिराया जा सकता है शायद। काठमाण्डु को जगाने का मुद्दा किसान या मधेस नहीं, भ्रष्टाचार का मुद्दा है।
बहुत कठिन काम है जो कि जनमत पार्टी कर रही है। मेरा सराहना है।
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