एक बार जब उज्वल भेंटीलेटर पर पहुँच गए तो मेरी आशा धीमी हो गयी थी।
उज्वल की बात नहीं सुनी गयी। ये यथार्थ है। नेपाली जनता नेता कम शहीद ज्यादा ढुंढती है। अब उसी उज्वल का बात सुनेंगे। समाज और राज्य इतना ज्यादा जर्जर है कि पार्टी निर्माण ही प्रथम कदम हो सकता है। ये उज्वल का मानना था।
पहाड़ में विवेकशील साझा के तुलना में मधेस में जनमत पार्टी बहुत आगे है। आज अगर चुनाव हो तो मधेस में जनमत पार्टी एक लहर पैदा कर सकती है। शायद सबसे बड़ी पार्टी भी बन जाए। लेकिन विवेकशील साझा काठमाण्डु में स्वीप करने की स्थिति में नहीं है। अब लेकिन स्थिति बदल सकती है। शहीद जो पैदा हो गया।
हजारो शहीद पैदा हो गए हैं। सरकार कह रही है सात हजार लोग मरे हैं महामारी में। वो आँकड़ा झुठ है। माओवादी जनयुद्ध से ज्यादा लोग मर चुके हैं। सबके सब शहीद हुवे। दो दलीय भ्रष्टाचारतंत्र ने सबको शहीद बना के रख दिया।
नाकाबंदी ने पंचायत को धुल चटाया। महामारी दो दलीय भ्रष्टाचारतंत्र को धुल चटाएगी।
मुद्दा भ्रष्टाचार है। उस पर लेजर फोकस करना होगा।
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