Friday, October 16, 2015

ए काठमाण्डु हम आ रहे हैं

सड़क पर झाडु लगाना शुरू कर
हम आ रहे हैं
तेरे से कोइ मांग नहीं
तु खुद भिखमंगा
तेरे से क्या मांगना
हम तो तेरे को देने आ रहे हैं

तेरी सर्दी को
क्रांति की गर्मी की जरुरत है
हम गर्मी ले के आ रहे हैं
तेरे को डीज़ल, पेट्रोल, कुकिंग गैस चाहिए
सब अपने साथ ले के आ रहे हैं

बस तु जग जा एक बार जरा
तेरी सारी मुरादे पुरी कर देंगे


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