Friday, September 18, 2015

आश्विन संग्राम और बल प्रयोग

बल प्रयोग पर बिलकुल जोड़ नहीं है। लेकिन बल प्रयोग की नौबत आ सकती है। मजे की बात ये है कि बल प्रयोग के लिए जितनी ज्यादा तैयारी करो बल प्रयोग की जरुरत उतनी कम पड़ेगी। 

अंतरिम राष्ट्रपति की मुक्ति, उसके लिए बल प्रयोग करना होगा तो करेंगे। उसके बाद अंतरिम संसद, राजधानी और अंतरिम राष्ट्रपति का २४ /७ सुरक्षा प्रदान करने का काम है। वो तो हमारे कमांडो ही करेंगे। ये स्वयंसेवक या पार्टी कार्यकर्ता का काम नहीं है। 

सीमा में कोई विवाद नहीं है। विवाद होगी तो युद्ध होगी। साबिक मधेस अभी का मधेस भी है। लेकिन मधेस के भूभाग के सभी नेपाली भाषियों को नागरिकता देंगे, समानता देंगे। 

मधेस अलग देश के घोषणा के साथ ही सभी सुरक्षाकर्मियों को आदेश दिया जाएगा। तुरंत अपने अपने चौकी और ब्यारेक जाओ। उस आदेश को पालना न करनेवालों के साथ दुश्मन सैनिक जैसा व्यवहार होगा। भुमि हमारी आदेश हमारा। 

मधेस के प्रत्येक वार्ड में मधेसी संगठित हो जाएँ। आजादी के पहले महिने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए उन वार्ड समितियों की अहं भुमिका रहेगी। 

आजादी के घोेषणा के बाद देश के प्रत्येक गाउँ शहर में लगातार १५ दिन शांतिपूर्वक लाठी जुलुस निकालेंगे। 

मधेस स्वराज पार्टी की सदस्यता लो बड़ी तादाद में। 

मधेस में जनजाति भी हैं, दलित भी हैं। खस भी रहते हैं और रहते रहेंगे। मधेस कोई जातीय देश नहीं बनने जा रहा है। ये एक मॉडर्न स्टेट की परिकल्पना है। 






No comments: