Wednesday, August 19, 2015

ठोस आंदोलन करो, दैनिक संगठन विस्तार करो

ठोस आंदोलन करो, दैनिक संगठन विस्तार करो। वार्ड वार्ड में, गाओं गाओं में, टोल टोल में, गली गली संगठन विस्तार करो। क्रांति इस बार ठोस करो। संघीयता विरोधियों को सदा के लिए बाई बाई कर दो। जड़ से उखाड़ के फेंक दो। ऐसा संगठन विस्तार करो, ऐसा संगठन विस्तार करो कि अब एक पीढ़ि संघीयता पक्षधर स्थानीय से केंद्र तक शासन करते रह जाए।

अब तो लक्ष्य सत्ता है। काठमाण्डु पर हम अपना झंडा फहराएंगे। उसके लिए संगठन विस्तार करो।

संघीयता लोकतंत्र का ही परिष्कृत रूप होता है। लोकतंत्र में शक्ति संगठन में है तो वो संगठन खुद लोकतान्त्रिक रहती है। लगन से काम करने वाले कोइ भी संगठन में नीचे से उपर जा सकते हैं। नेतृत्व का चयन लोकतान्त्रिक ढंग से होता है। खुला वादविवाद, तर्क वितर्क होता है, छलफल, विचार विमर्श होता है। लेकिन अनुशासन भी होता है।

हम अपने लिए समावेशीता मांग रहे हैं तो हम अपनों के लिए भी अपने संगठन के भितर समावेशीता बनाएंगे। कर्तव्य बनता है।

लोकतंत्र में संगठन ही शक्ति है। संगठन विस्तार करो। एका (एमाले काँग्रेस) को साफ करो।

आन्दोलन र संगठन विस्तार सँगै लान दैनिक वड़ा सभा
संघीयता पक्षधर ले संगठन विस्तार गर्ने सुनौलो मौका
क्रान्ति और संगठन
सीके राउत को मधेसी जनता लाई प्रमुख योगदान: शायद संगठन


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