Thursday, October 09, 2014

मधेश भितरका विभेद

राष्ट्रिय स्तर पर मधेसीके विरुद्ध विभेद है। लेकिन मधेशके भितर भी तो विभेद है। उसको हम नजरअन्दाज नहीं कर सकते हैं। मैं महिलाका बात कर रहा हुँ, दलित और मुस्लमानका बात कर रहा हुँ, गरीब मधेसीयोका बात कर रहा हुँ। पार्टी निर्माणके दौरान इन बातोंको ध्यानमें रखना होगा।

हमें कोइ मिडिल क्लास, अप्पर मिडिल क्लास पार्टी नहीं बनाना है। हमें झा, यादव और साहका पार्टी नहीं बनाना है। अगर हमें समानता चाहिए तो मधेशके भितरभी चाहिए। पार्टीके भितर पिछड़े समुदायके लोगोके लिए आरक्षणकी व्यवस्था हो।

मधेसीयोको राष्ट्रिय स्तर पर जो जगह मिलनी चाहिए मधेशके भितर महिला, दलित, मुसलमान और गरीबको वो जगह मिले। मधेश स्वराज पार्टीके संगठनमें ये बात दिखनी चाहिए। तब आएगा मजा क्रान्तिका।

पार्टीमें ५१% पद फ्री कम्पटीशनसे, और ४९% आरक्षणके सिद्धान्त पर बाँटा जाए। दलित, महिला, मुस्लमान और गरीबको आगे लाया जाए और नेतृत्वकी ओर बढ़ाया जाए।

क्रान्ति और संगठन


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